नई दिल्ली: फुटबॉल मैचों में दो टीमों के खिलाड़ियों के बीच अक्सर थोड़ी बहुत धक्का मुक्की देखने मिलती है। लेकिन, रशियन कप (Russian Cup 2022) में रविवार 27 नवंबर को एक मैच में कुछ अलग ही देखने मिला। इस वाकया ने फुटबॉल जगत को शर्मसार कर दिया। यह पूरा वाकया जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग और स्पार्टक मास्को के बीच क्रेस्टोवस्की स्टेडियम में हुए मुकाबले के दौरान का है। इस मैच में दोनों टीमों के ही खिलाड़ियों और कोचों ने जमकर मारपीट की।
इस पूरे विवाद की शुरुआत मुकाबले के इंजरी टाइम (90+ मिनट) में हुई। उस समय स्पार्टक मास्को फ्री-किक ले रही थे, तभी टीम के फॉरवर्ड क्विंसी प्रॉम्स और जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग के मिडफील्डर विल्मर बैरियोस ने आपस में कंधे टकराए, जिसके बाद दोनों के बीच शब्दों की लड़ाई हुई और फिर बाद में दोनों टीमों के खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ लड़ाई करने के लिए इकट्ठा हो गए।
जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग के रोड्रिगाओ प्राडो को रेफरी के सामने ही स्पार्टक के खिलाड़ियों पर लात मारते हुए देखा गया। जिसके साथ ही स्पार्टक के सब्स्टीट्यूट प्लेयर अलेक्जेंडर सोबोलेव भी मुक्केबाजी करने लगे। इसके अलावा भी बाकी खिलाड़ियों ने भी जमकर मारपीट की। रूसी ब्रॉडकास्टर मैच टीवी का इस विवाद से जुड़ा फुटेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
मैच रेफरी व्लादिमीर मोस्कलेव ने शुरू में तो मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन फिर चीजें उनके नियंत्रण से बाहर हो गई। हालांकि रेफरी ने कुल छह खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाए, जिसमें दोनों ही टीमों के तीन-तीन प्लेयर्स शामिल थे। मैल्कम, बैरियोस और रोड्रिगो ने मेजबान टीम जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग के लिए लाल रंग देखा।
वहीं, स्पार्टक के अलेक्सांद्र सोबोलेव, शमर निकोलसन और अलेक्सांद्र सेलिखोव को रेड कार्ड दिखाया गया। इन सब में सबसे ज़्यादा हैरानी वाली बात यह थी कि, जिन खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाया गया, वह बेंच पर थे और घटना के समय सक्रिय रूप से मुकाबले का पार्ट नहीं थे।