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    ज्यूरिख: ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक (Javelin Thrower) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की नजरें एक बार फिर इतिहास रचने पर हैं और वह गुरुवार को यहां प्रतिष्ठित डाइमंड लीग फाइनल्स (Diamond League Final) में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे। चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने चोट के कारण एक महीने तक बाहर रहने के बाद जोरदार वापसी करते हुए डाइमंड लीग सीरीज का लुसाने चरण जीतकर यहां दो दिवसीय फाइनल्स के लिए क्वालीफाई किया। वह लुसाने में डाइमंड लीग का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।

    जुलाई में संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने के दौरान उनकी ग्रोइन में मामूली चोट लगी थी जिसके कारण वह बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से आठ अगस्त) में हिस्सा नहीं ले पाए थे। चौबीस वर्षीय भारतीय सुपरस्टार ने वापसी के तुरंत बाद फॉर्म हासिल करते हुए 26 जुलाई को लुसाने में अपने पहले ही प्रयास में भाले को 89.08 मीटर तक फेंककर खिताब अपने नाम किया था। उन पर चोट का कोई असर नहीं दिख रहा था और उन्होंने अपने करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।

    हरियाणा में पानीपत के पास खंडरा गांव के इस युवा खिलाड़ी की नजरें अब अपने पहले डाइमंड लीग फाइनल्स खिताब पर होंगी। उन्होंने 2017 और 2018 में भी फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था और क्रमशः सातवें और चौथे स्थान पर रहे।फाइनल के विजेता को ‘डाइमंड लीग चैंपियन’ का ताज पहनाया जाता है।

    यहां छह सदस्यीय फाइनल्स में विश्व चैंपियन ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स नहीं होंगे जो पिछले महीने अपने देश में एक नाव के अंदर हमले के बाद चोटों से उबर रहे हैं। चोपड़ा (Neeraj Chopra) के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी चेक गणराज्य के ओलंपिक रजत पदक विजेता याकुब वाडलेज होंगे जिन्हें भारतीय खिलाड़ी ने लुसाने में भी पछाड़ा था।

    इस सत्र में 90 मीटर से अधिक थ्रो करने वाले वाडलेज ने लुसाने में 85.88 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने ज्यूरिख फाइनल्स में सर्वाधिक 27 अंक के साथ जगह बनाई जबकि चोपड़ा ने 15 अंकों के साथ चौथे स्थान पर क्वालीफाई किया। डाइमंड लीग तालिका में शीर्ष छह खिलाड़ियों ने ज्यूरिख फाइनल्स में क्वालीफाई किया।

    पिछले साल अगस्त में तोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद से चोपड़ा ने इस सत्र में चार बार 31 वर्षीय वाडलेज के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की है और भारतीय खिलाड़ी ने हर बार चेक गणराज्य के खिलाड़ी को पछाड़ा है।

    जब चोपड़ा पावो नुर्मी खेलों (14 जून) और स्टॉकहोम डाइमंड लीग (30 जून) में दूसरे स्थान पर रहे तो वाडलेज ने क्रमश: छठा और चौथा स्थान हासिल किया। चोपड़ा ने यूजीन में विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता जबकि वाडलेज ने कांस्य पदक जीता।

    वाडलेज हालांकि चोपड़ा से अधिक अनुभवी हैं और दो बार (2016 और 2017) डाइमंड लीग फाइनल विजेता रहे चुके हैं। उनके नाम विश्व चैंपियनशिप में दो पदक – एक रजत (2017) और एक कांस्य (2022) है। वह एक तोक्यो ओलंपिक में भी रजत पदक जीत चुके हैं। उनका सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90.88 मीटर है जो उन्होंने मई में डाइमंड लीग के दोहा चरण में रजत पदक जीतने के दौरान किया था।

    फाइनल में प्रत्येक स्पर्धा के विजेता को डाइमंड ट्रॉफी, 30 हजार डॉलर की पुरस्कार राशि और हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए वाइल्ड कार्ड दिया जाएगा।

    चोपड़ा हालांकि पहले ही विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं क्योंकि लुसाने चरण में 85.20 मीटर के प्रयास के साथ वह पहले ही क्वालीफाइंग स्तर हासिल कर चुके हैं। चोपड़ा से पहले चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा डाइमंड लीग प्रतियोगिता में शीर्ष तीन में रहने वाले एकमात्र भारतीय थे। गौड़ा दो बार 2012 में न्यूयॉर्क में और 2014 में दोहा में दूसरे और 2015 में शंघाई और यूजीन में दो मौकों पर तीसरे स्थान पर रहे थे।