नवभारत डिजिटल टीम: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (, Bhupesh Baghel ) की मुश्किलें कम होती नहीं नजर आ रही हैं। पुलिस ने महादेव बेटिंग ऐप मामले (Mahadev Betting App Case) में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व सीएम के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इस FIR में पूयव सीएम भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित 16 अन्य लोगों का नाम है।
Economic Offences Wing of Raipur has registered an FIR against former Chattisgarh CM Bhupesh Baghel and others in the Mahadev App case. The case has been registered under sections 120B, 34, 406, 420, 467, 468, and 471 of IPC. The case was registered on March 4 against Bhupesh… pic.twitter.com/Bu2zCsg0TK
— ANI (@ANI) March 17, 2024
ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से अर्जित अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ईडी मामले की जांच कर रही है और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर चार मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस थाने में बघेल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल, ऐप प्रवर्तकों – रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि मामले में कुछ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 471 (जाली दस्तावेज उपयोग करना) तथा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रावधान शामिल हैं।
ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी में कहा गया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम के अलावा अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से सट्टेबाजी में संलिप्त हुए। प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवर्तकों और ऐप से जुड़े ‘पैनल संचालकों’ ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए।
प्राथमिकी के मुताबिक, महादेव ऐप के प्रवर्तकों एवं पैनल संचालकों ने अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। इसके मुताबिक, पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवर्तकों को अवैध धन हस्तांतरित किया।
प्राथमिकी में दावा किया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कृत्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने विभिन्न पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को मोटी रकम दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था।
बघेल ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक साजिश” करार दिया था और संघीय एजेंसी पर अपने ‘‘राजनीतिक आकाओं” के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ईडी अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने इस मामले में अब तक रायपुर की अदालत में दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ भी आरोपपत्र शामिल हैं। ईडी ने पूर्व में इस मामले के सिलसिले में कई बार छापेमारी की थी।