दिल्ली/मुंबई: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के मद्देनजर देश में सियासी माहौल गर्माते हुए नजर आ रहा है। हर कोई नेता अपने वोट बैंक पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। बात करें चुनाव में वोटबैंक की तो मुसलमान (Muslim) समुदाय के वोट कांग्रेस (Congress) और एनसीपी को जाते हैं, वहीं भाजपा (BJP) को मुसलमानों के वोट मिलना थोड़ा मुश्किल ही माना जाता है, इसी कड़ी में अब अजित पवार (Ajit Pawar) की एनसीपी भी इसमें जुड़ गई है।
महाराष्ट्र में महागठबंधन में अजित पवार गुट शामिल हुआ है, ऐसे में अब अजित गुट के लिए भाजपा के साथ खड़े रहकर मुस्लिम वोट पाना मुश्किल नजर आता है, इस बात को देखते हुए अजित पवार मुस्लिम वोटरों को मनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे है। इसी के चलते दिल्ली में अजित पवार ने इफ्तारी का आयोजन (Ajit Pawar organized Iftari in Delhi) किया है।
मुस्लिम समुदाय को समझाने कोशिश
बता दें कि पिछले चार साल से दबे पड़े सीएए कानून को लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर मंजूरी दी गई है। इसके बाद देश में फिर एक बार हंगामा मच गया है। इस मुद्दे से खासकर मुस्लिम समुदाय में अशांति फैल गई है। इस पृष्ठभूमि में मुस्लिम समुदाय को समझाने की जिम्मेदारी अजित अजित पवार के समूह को दी गई है। इसी के चलते कोशिश है कि मुस्लिम वोटों को भी विपक्ष से छीने।
दिल्ली में इफ्तार पार्टी का आयोजन
जी हां मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट ने सीधे तौर पर दिल्ली में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है। इस इफ्तार पार्टी में अजित पवार ग्रुप मुस्लिम समुदाय को सीएए एक्ट के बारे में समझाएगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार दिल्ली में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत करेंगे। इसके साथ ही आपको बता दें कि अजित पवार दिल्ली में इंडियन इस्लामिक कल्चर सेंटर में शामिल होंगे। इस दौरान जानकारी सामने आई है कि बैठक में नागरिकता कानून संशोधन पर चर्चा होगी।
महाराष्ट्र में 12 फीसदी मुस्लिम
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बिहार में पिछले साल जारी सांप्रदायिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। जानकारों के मुताबिक, जब नीतीश कुमार एनडीए में लौटे तभी यह साफ हो गया कि मुस्लिम और सेक्युलर वोट उनकी पार्टी से छिटक रहे हैं। माना जाता है कि आंध्र प्रदेश में लगभग 7 प्रतिशत, ओडिशा में 6 प्रतिशत और महाराष्ट्र में लगभग 12 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।