भंडारा: राकां (NCP) में विभाजन के कारण प्रफुल पटेल (Praful Patel) अजित पवार गुट (Ajit Pawar) के साथ महायुति गठबंधन में शामिल हो गए हैं जिसके बाद भंडारा-गोंदिया लोकसभा चुनावों (Gondia-Bhandara Lok Sabha Elections 2024) में 25 साल के अंतराल के बाद कांग्रेस (Congress) का ‘पंजा’ चुनाव चिन्ह दिखेगा। 1999 यह आखिरी मौका था जब कांग्रेस इस निर्वाचन क्षेत्र में मैदान में उतरी थी।
तब कांग्रेस उम्मीदवार श्रीकांत जिचकार मात्र 3,819 वोट से हार गए थे। अजित पवार के नेतृत्व में पूर्व सांसद प्रफुल पटेल के महायुति में शामिल होने के बाद राकां के शरद पवार गुट के पास कोई योग्य उम्मीदवार नहीं है जो मौजूदा भाजपा को गंभीर चुनौती दे सके।
कांग्रेस के लिए पटोले फायदेमंद
इस बदलते राजनीतिक परिदृश्य का अब मतलब है कि भंडारा- गोंदिया वापस कांग्रेस की झोली में आ गया है, इसलिए 25 साल बाद इस लोस क्षेत्र में पंजा चुनाव प्रचार में दिखाई देने की चर्चा पूरे जोरशोर से हो रही है। इसके पहले कांग्रेस के समर्थन से राकां 5 चुनाव लड़ चुकी है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में राकां शरद पवार की कमजोर स्थिति के अलावा। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा फायदा उसके प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हैं जिनका विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र इसी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आता हैं। दरअसल पटोले ने 2014 में इसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी।