नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इस अध्यादेश को असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह अध्यादेश कोर्ट में पांच मिनट भी नहीं टिकेगा। हम इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वे (केंद्र सरकार) गर्मी की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने इंतजार किया क्योंकि वे जानते हैं कि यह अध्यादेश अवैध है। उन्हें पता है कि यह 5 मिनट कोर्ट में नहीं टिकेगा। जब 1 जुलाई को SC खुलेगा तो हम इसे चुनौती देंगे।
#WATCH | They were waiting for the Supreme Court to be closed for summer vacations. They waited because they know this ordinance is illegal. They know it will not stand in the court for 5 minutes. When SC opens on July 1, we will challenge it: Delhi CM Arvind Kejriwal on the… pic.twitter.com/o29Ygb7f7Q
— ANI (@ANI) May 20, 2023
आप के मुखिया ने कहा, “इस अध्यादेश को लाकर ऐसा लगता है कि जनता और देश के साथ एक भद्दा मजाक किया गया है। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रही है कि आप कुछ भी आदेश दें हम उस पर अध्यादेश लाकर पलट देंगे। यह चुनौती है कि अगर भाजपा के अलावा किसी और पार्टी को चुनोगे तो हम उसे काम नहीं करने देंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली की जनता के बीच जाऊंगा और दिल्ली में महारैली का आयोजन करेंगे। जिस तरह से जनता की प्रतिक्रिया आ रही है उससे लग रहा है कि इस बार भाजपा को लोकसभा चुनाव में दिल्ली से एक भी सीट नहीं मिलेगी। मैं विपक्षी दलों से अपील करना चाहता हूं कि राज्यसभा में जब यह बिल आएगा तो उसे पारित न होने दें। मैं हर पार्टी के नेताओं से मिलुंगा और उनसे समर्थन मांगूंगा।”
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था।
उल्लेखनीय है कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।