
नई दिल्ली. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने दो स्कूली छात्रों पर उनके सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न की खबरों को लेकर मंगलवार को शिक्षा सचिव को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाला कृत्य है। संबंधित शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल को तुरंत निलंबित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस मामले में चार नाबालिगों को पुलिस ने पकड़कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है। उन्हें सरकारी स्कूल के 2 बच्चों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों नाबालिग पीड़ितों ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं।
Delhi Education Minister Atishi writes to the Education Secretary over the news reports of the sexual assault of two schoolboys by their classmates. pic.twitter.com/vasUxtgRuP
— ANI (@ANI) August 29, 2023
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “हम पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं। बच्चों ने अपने बयान दिए हैं। आरोपी बच्चे भी नाबालिग हैं, उन्हें बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। वे उन्हें किशोर न्याय गृह भेजकर आगे की कार्रवाई करेंगे। हमने कल एक जांच समिति बुलाई और हमें पता चला कि स्कूल के वाइस प्रिंसिपल और दो शिक्षकों को यौन शोषण के बारे में जानकारी थी।”
आतिशी ने शिक्षा सचिव को लिखे पत्र में कहा, “मुख्यमंत्री केजरीवाल और मैंने हमारे स्कूल के दो लड़कों पर उनके सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न की खबरें देखी हैं। यह बेहद परेशान करने वाला कृत्य है। यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि छात्रों ने शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल को सूचित किया था लेकिन उन्होंने इसे पुलिस या किसी उच्च अधिकारी के संज्ञान में नहीं लाया। यह न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है। POCSO अधिनियम के अनुसार, दुर्व्यवहार के बारे में जानने वाले किसी भी वयस्क द्वारा यौन शोषण की रिपोर्ट न करना एक अपराध है।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूल के शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल निलंबित करने का आदेश दिया है। साथ ही उच्च गुणवत्ता की सामग्री तैयार करने तथा बच्चों से दुर्व्यवहार के मामलों से निपटने के लिए अनुकूल माहौल बनाए जाने के वास्ते स्कूलों को दिशा निर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया। इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रहेगी। संबंधित शिक्षकों और उप प्राचार्य को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए। पुलिस को मामले की सूचना न देने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
POCSO के प्रावधानों, अनिवार्य रिपोर्टिंग, दुर्व्यवहार की शीघ्र पहचान के लिए उपकरण, दुर्व्यवहार के प्रकार, बच्चों पर दुर्व्यवहार के प्रभाव और ऐसे छात्रों का समर्थन करने के लिए शिक्षकों की क्षमता निर्माण को सक्षम करने वाले उपचारात्मक उपायों पर सभी प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए।
गौरतलब है कि 12 और 13 वर्ष के दो छात्रों ने पुलिस में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है कि पांच से छह सहपाठियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया। पुलिस ने बताया कि यह कथित घटना अप्रैल में स्कूल के ‘समर कैंप’ (ग्रीष्मकालीन शिविर) के दौरान हुई थी।
अधिकारियों ने बताया कि आठवीं कक्षा के 13 वर्षीय छात्र ने आरोप लगाया कि अप्रैल में ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान उसके सहपाठी उसे जबरदस्ती एक पार्क में ले गए और उसका यौन उत्पीड़न किया। साथ ही उन्होंने उसे यह बात किसी को न बताने की धमकी भी दी। अधिकारियों के अनुसार, कुछ दिन पहले उन लड़कों ने छात्र को परेशान करना शुरू कर दिया तो उसने अपने शिक्षकों को पूरी घटना की जानकारी दी। इस पर शिक्षकों ने उसे यह बात किसी को भी नहीं बताने को कहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद छात्र ने अपने अभिभावकों को घटना की जानकारी दी और फिर अभिभावकों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन कर इस बारे में सूचित किया। मामला रविवार को दर्ज किया गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)