People accused in the case related to the Naroda Gam massacre during the 2002 Gujarat riots
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अहमदाबाद. अहमदाबाद की विशेष अदालत (Ahmedabad Special Court) ने 2002 गुजरात दंगे (Gujarat Riots) के दौरान नरोदा गाम नरसंहार मामले (Naroda Gam massacre case) में गुरुवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने 21 साल के लंबे इंतजार के बाद अपना फैसला सुनाया है।

बरी किए गए लोगों में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी, बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी शामिल है। इस मामले में कुल 86 आरोपी थे लेकिन 13 साल चले लंबे ट्रायल के दौरान 18 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में अदालत ने 68 आरोपियों को निर्दोष घोषित करते हुए बरी कर दिया।

अदालत का फैसला आते ही कोर्ट के बाहर जमकर जय श्री राम के नारे लगे। अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 2:30 बजे का समय निर्धारित किया था, हालांकि इसमें देरी हो गई और विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. बक्शी ने 5:40 बजे अपना फैसला सुनाया।

गौरतलब है कि गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान एक समुदाय के 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 129बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था।