Amit-Shah
Photo: ANI/ Twitter

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    अहमदाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में ‘नर्मदा विरोधी’ कार्यकर्ता मेधा पाटकर का शामिल होना विपक्षी दल द्वारा गुजरात के लोगों का ‘सबसे बड़ा अपमान’ है।

    शाह ने अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार कुंवरजी बावलिया के समर्थन में राजकोट जिले के जसदान शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुकदमेबाजी के जरिए नर्मदा बांध परियोजना को रोकने वाली मेधा पाटकर अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के साथ चल रही हैं। पार्टी को जनता को जवाब होगा। यह गुजरात के लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है।”

    गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में एक दिसंबर को जसदान और 88 अन्य सीटों पर मतदान होगा।  ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के आधिकारिक हैंडल के जरिये गांधी के साथ पाटकर की एक तस्वीर ट्वीट की गई थी और साथ ही शीर्षक में लिखा गया था, ‘‘जब आप समाज के लिए कुछ करते हैं, तो समाज की भलाई में शामिल लोग खुद आपके साथ जुड़ जाते हैं… सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुई।”

    शाह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने एक ऐसे व्यक्ति को साथ लेने का फैसला किया जिसने गुजरात को नर्मदा के पानी से 20 साल तक वंचित रखा था। यह विपक्षी दल द्वारा गुजरात का सबसे बड़ा अपमान है।” उन्होंने उत्तर पूर्वी मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से 2014 के लोकसभा चुनाव में पाटकर को टिकट देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को भी आड़े हाथ लिया। शाह ने रैली में कहा, ‘‘लेकिन, वह (केजरीवाल) होशियार हैं। वह समझते हैं कि चुनाव से पहले उन्हें गुजरात लाने का यह सही समय नहीं है। लेकिन उन्होंने ‘आप’ नेताओं से उन्हें टिकट देने का कारण पूछा।”

    उन्होंने गुजरात के राजकोट क्षेत्र में पानी की कमी को समाप्त करने के लिए भाजपा सरकार को श्रेय दिया और कांग्रेस पर सरदार सरोवर बांध परियोजना में विलंब करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरदार सरोवर बांध की आधारशिला भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मेरे जन्म से एक साल पहले 1963 में रखी थी। जब मैं 58 साल का हुआ तो पानी आखिरकार यहां पहुंच गया। नर्मदा परियोजना को किसने रोका? वर्ष 1963 से 2002 तक कांग्रेस ने इस परियोजना को ठप रखा था।” शाह ने कहा कि बांध की ऊंचाई नहीं बढ़ाने संबंधी कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के फैसले के खिलाफ गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।(एजेंसी)