भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में डॉक्टर्स की एक पार्टी अचानक मातम में बदल गई। रविवार को एक निजी होटल में साल 1975 केएमबीबीएस (MBBS) बैच के डॉक्टर्स (Doctors) की पार्टी हो रही थी। जिसमें पुरुषों के साथ ही कई महिलाएं और मशहूर फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. चन्द्रशेखर (CS) जैन भी मौजूद थे। डॉक्टर फिल्मी गीत ‘ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा…’ गाकर डांस कर रहे थे। डॉ. जैन डांस करते समय अचानक फ्लोर पर गिर पड़े। डॉक्टर्स ने जांच की तो पता चला कि उनको दिल का दौरा पड़ा है।
दरअसल डॉक्टर जैन (Dr. CS Jain Dies Heart Attack Viral Video) अपने साथियों के साथ डीजे पर जब डांस कर रहे थे, उसी समय उनके एक साथ माइक लेकर ‘ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा…’ गीत गा रहे थे। कुछ साथ डॉक्टर जैन के साथ ही डांस कर रहे थे। जबकि कुछ लोग डांस देख व कुछ वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। इसी दौरान अचानक डॉक्टर जैन फ्लोर पर गिर पड़े। घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें डॉक्टर जैन के गिरने के बाद साथी उन्हें संभालने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
1975 के MBBS बैच के डॉक्टर्स की पार्टी में गए फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सीएस जैन को डांस करते वक्त दिल का दौरा पड़ा और वे गिर पड़े. पार्टी में उस वक्त पार्टी में कार्डियोलॉजी सहित कई विभागों के 50 से ज्यादा सीनियर डॉक्टर मौजूद थे लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका, श्रद्धांजलि pic.twitter.com/FCqehDN0J0
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 19, 2021
साथी डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें कुछ समझ में आता, इससे पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थीं। जानकारी है कि घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई है। गौरतलब हो कि डॉ. जैन ने जीएमसी भोपाल में गृह विभाग के मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट में करीब 34 साल के सेवा काल में लगभग 12 हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुके हैं। आपको जानकार हैरानी होगी जिस वक्त उन्हें दिल का दौरा पड़ा उस वक्त पार्टी में कार्डियोलॉजी, एनेस्थिीसिया, ऑर्थोपेडिक्स सहित तमाम विभागों के सीनियर डॉक्टर मौजूद थे, बावजूद इसके डॉ. जैन को नहीं बचाया जा सका।
एम्स भोपाल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की एचओडी डॉ. अरनीत अरोरा ने बताया कि वे काम के प्रति ऐसे समर्पित डॉक्टर थे कि शाम को पांच बजे के पांच मिनट पहले भी यदि कोई शव दूसरे जिले से रेफर होकर आया तो वे कहा करते थे कि नियम पांच बजे तक का है अभी पांच मिनट का टाइम है हम लाइट में पीएम करेंगे ताकि समय से परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव ले जा सकें। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट इतनी साफ और सटीक हुआ करतीं थीं कि कोर्ट में कभी समझाने में समय नहीं लगता था। रेल्वे एक्सीडेंट सहित जिन हादसों में मरीजों हड्डियों में कई फ्रेक्चर होते थे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के स्केच में वे हर फ्रेक्चर को नंबर के साथ लिखा करते थे।