दलित दूल्हे को दबंगों ने घोड़ी चढ़ने से किया मना, फिर पुलिस ने निकाली बारात

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    भोपाल:अपने देश को आज़ादी मिलकर 75 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी देश में कई ऐसी जगह है जहां अब भी दलित वर्ग के लोगों पर अत्याचार होते ही है। उन्हें आज भी उच्च जाती के लोगों के शोषण का सामना करना पड़ता है। आपको बता दे कि, दलित वर्ग के शोषण का एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सरसी गांव से सामने आया है। जहां  पर दलित युवक के परिवार को  दबंगों ने धमकी दी थी की वह दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात न निकाले।  जिसके बाद युवक ने शिकायत पुलिस से की और सुरक्षा मांगी। तब जाकर दुल्हा घोड़ी पर बैठा और पुलिस बाराती बनकर बारात के साथ चली। 

    सरसी गांव के ऊंची जाति के दबंग लोगों ने दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर बारात ना निकालने की चेतावनी दी थी। दूल्हे राहुल मेघवाल के मुताबिक, कुछ दबंगों ने उनके पिता को डरा धमकाकर कहा था कि वो अपने बेटे की बारात गांव में मंदिर के सामने से घोड़ी पर बैठकर ना निकाले। नहीं तो उन्हें एक साल में गांव छोड़ना पड़ेगा।  जिसके बाद दलित युवक राहुल मेघवाल ने अपनी बारात को गांव में निकलवाने को लेकर एक आवेदन पुलिस में दिया था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और राहुल की बारात पुलिस के साथ ही गांव में निकली। 

    पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी चढ़ा दूल्हा

    दूल्हे ने शिकायत में पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों को की और पुलिस से सुरक्षा देने की मांग की थी। दूल्हे की मांग पर पुलिस हरकत में आई।  वहीं, 100 पुलिसकर्मियों की निगरानी में गांव से बारात निकलवाई गई। दूल्हे की माने तो, शादी के एक दिन पहले ही दबंगों ने रास्ते में पत्थर डालकर बारात रोकने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि, गांव में पहली बार किसी दलित की बारात निकल पाई है। 

    थाना प्रभारी कन्हैयालाल दांगी ने बताया कि, ग्राम सारसी में बारात रोके जाने की आशंका को लेकर पुलिस और प्रशासन ने गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।  जिसके बाद ही दलित दूल्हे की बारात धूमधाम से निकाली गई। वहीं मामले में भीम आर्मी के पूर्व प्रदेश प्रभारी सुनील अस्थई का कहना है कि यह इस गांव में पहला मामला है कि जब किसी दलित की घोड़ी पर बैठकर बिंदोली निकाली जा रही है।