भोपाल. इन दिनों देश में फिल्म ‘The Kashmir Files’ काफी चर्चा में है और इस पर विवाद भी चल रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश के आईएएस ऑफिसर नियाज खान (IAS Niyaz Khan) ने ट्विटर पर इस फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद उनका ट्वीट काफी सुर्खियां बटोर रहा है। उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ में जिस तरह कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) का दर्द दिखाया गया है, उसी तरह देश में मुसलमानों की हत्याओं (Muslims Murders) पर फिल्म बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, मुसलमान कोई कीड़े-मकोड़े नहीं बल्कि इंसान और इस देश के नागरिक हैं।
नियाज़ खान ने अपने ट्वीट में कहा, “द कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माताओं को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े-मकोड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और इस देश के नागरिक हैं।”
Kashmir File shows the pain of Brahmins. They should be allowed to live safely in Kashmir with all honour. The producer must also make a movie to show the killings of Large number of Muslims across several states. Muslims are not insects but human beings and citizens of country
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
वहीं, दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “मैं अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने के बारे में सोच रहा हूं ताकि कोई प्रोड्यूसर इस मुद्दे पर कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बना सके और अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सके।”
Thinking to write a book to show the massacre of Muslims on different occasions so that a movie like Kashmir Files could be produced by some producer, so that, the pain and suffering of minorities could be brought before Indians
— Niyaz Khan (@saifasa) March 18, 2022
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का पलटवार
उधर, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा नियाज़ खान पर पलटवार करते हुए कहा, चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी पंडितो-हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई। 30 साल बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी 1990 को पेश किया गया।
उन्होंने कहा, यदि इस इस्लामिक कट्टरवाद को नही रोका गया तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कितना घातक होगा। इस पर रिसर्च कर नॉवेल कोई IAS (आप जैसे) द्वारा लिखा जाएगा तो निश्चित रूप से यह देश को आगाह करने के लिए द कश्मीर फाइल्स से ज़्यादा कारगर सिद्ध होगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए सिर्फ़ एक वर्ग के प्रति आपकी चिंता व्यक्त करना कहीं न कहीं संघ लोक सेवा आयोग के आचरण नियमो के विपरीत है फिर भी आपको किसी वर्ग का रहनुमा बनने का शौक़ है तो #IAS की नौकरी छोड़ कर मैदान में आइए.
1/3— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) March 19, 2022
रामेश्वर शर्मा ने कहा, भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए सिर्फ़ एक वर्ग के प्रति आपकी चिंता व्यक्त करना कहीं न कहीं संघ लोक सेवा आयोग के आचरण नियमों के विपरीत है फिर भी आपको किसी वर्ग का रहनुमा बनने का शौक़ है तो IAS की नौकरी छोड़ कर मैदान में आइए।
शर्मा ने कहा, मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूँ की इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जाए की देश में ऐसा कौन सा प्रांत है, जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है।