शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान

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    नई दिल्ली/भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya  pradesh) से आ रही एक बड़ी ही रोचक खबर के अनुसार यहाँ 26 जनवरी 2001 के बाद शिक्षा विभाग में जिन शिक्षकों की तीसरी संतान हुई है, वे अजीब पेशोपेश में हैं। दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) उनसे तीसरी संतान होने का कारण पूछ रहे हैं। अब ऐसे 955 शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है। हालांकि इस पर अभी तक करीब 160 शिक्षकों ने ही इस नोटिस का जवाब दिया है। 

    इसके साथ ही शिक्षकों ने अपने जवाब में नौकरी ज्वाइन करने के दौरान नियम नहीं होने, टीटी ऑपरेशन फेल होने और और किसी ने तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने की रोचक बातें कही हैं। इधर इन जवाबों को देख इनके सत्यापन के लिए DEO ने एक समिति बना दी है, जो 3 माह के अंदर इस पर रिपोर्ट पेश करेगी।

    क्या है मामला 

    पता हो कि, 26 जनवरी 2001 के बाद यह सरकार ने नियम लागू किया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई तो वह नौकरी के लिए तभी से अपात्र माने जाएंगे। वहीं विधानसभा में उठे प्रश्न के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने जिले में ऐसे 955 शिक्षकों को अब कारण बताओ नोटिस थमाए हैं, साथ ही उनसे 15 दिन में जवाब भी मांगा है। इससे शिक्षा विभाग में भयंकर हड़कंप मचा गया है।

    मिल रहे अजीबोगरीब और रोचक जवाब

    अब तक मात्र 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है। इससमे ज्यादातर शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय यह नियम नहीं था। वहीं बाद में जब नियम बना तो इस बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। तो कुछ ने उल्टा स्वास्थ्य विभाग पर ही ठीकरा फोड़ दिया कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद टीटी ऑपरेशन करा लिया था, लेकिन इसके बाद भी तीसरे बच्चे का जन्म हुआ।  वहीं कुछ ने तो अपने तीसरे बच्चे को अपने ही स्वजनों को गोद दे दिया है, हालाँकि उन्होंने गोदनामा के दस्तावेज अभी तक जमा नहीं किए हैं। फिलहाल इन जवाबों के सत्यापन के लिए DEO ने एक समिति बनाई है।