नई दिल्ली/भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) से आ रही एक बड़ी ही रोचक खबर के अनुसार यहाँ 26 जनवरी 2001 के बाद शिक्षा विभाग में जिन शिक्षकों की तीसरी संतान हुई है, वे अजीब पेशोपेश में हैं। दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) उनसे तीसरी संतान होने का कारण पूछ रहे हैं। अब ऐसे 955 शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है। हालांकि इस पर अभी तक करीब 160 शिक्षकों ने ही इस नोटिस का जवाब दिया है।
Madhya Pradesh | District Education Officer in Vidisha issued show-cause notice to govt. teachers & employees in the district seeking an answer for having more than 2 children pic.twitter.com/IuN4Mw6A8V
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 2, 2022
इसके साथ ही शिक्षकों ने अपने जवाब में नौकरी ज्वाइन करने के दौरान नियम नहीं होने, टीटी ऑपरेशन फेल होने और और किसी ने तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने की रोचक बातें कही हैं। इधर इन जवाबों को देख इनके सत्यापन के लिए DEO ने एक समिति बना दी है, जो 3 माह के अंदर इस पर रिपोर्ट पेश करेगी।
क्या है मामला
पता हो कि, 26 जनवरी 2001 के बाद यह सरकार ने नियम लागू किया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई तो वह नौकरी के लिए तभी से अपात्र माने जाएंगे। वहीं विधानसभा में उठे प्रश्न के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने जिले में ऐसे 955 शिक्षकों को अब कारण बताओ नोटिस थमाए हैं, साथ ही उनसे 15 दिन में जवाब भी मांगा है। इससे शिक्षा विभाग में भयंकर हड़कंप मचा गया है।
We’ve issued show-cause notices to them. Many are now citing reasons like the rule was not mentioned in their appointment letter, the childbirth was not deliberate or they have given their 3rd child: AK Modgil, DEO, Vidisha pic.twitter.com/cuIDIVleBb
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 2, 2022
मिल रहे अजीबोगरीब और रोचक जवाब
अब तक मात्र 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है। इससमे ज्यादातर शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय यह नियम नहीं था। वहीं बाद में जब नियम बना तो इस बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। तो कुछ ने उल्टा स्वास्थ्य विभाग पर ही ठीकरा फोड़ दिया कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद टीटी ऑपरेशन करा लिया था, लेकिन इसके बाद भी तीसरे बच्चे का जन्म हुआ। वहीं कुछ ने तो अपने तीसरे बच्चे को अपने ही स्वजनों को गोद दे दिया है, हालाँकि उन्होंने गोदनामा के दस्तावेज अभी तक जमा नहीं किए हैं। फिलहाल इन जवाबों के सत्यापन के लिए DEO ने एक समिति बनाई है।