arrest
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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    अहमदनगर. कुछ साल पहले छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करनेवाले अहमदनगर के पूर्व उपमहापौर श्रीपाद छिंदम और उसके भाई श्रीकांत छिंदम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ दो महीने पहले एक टपरी चालक को जातिवाचक गालीगलौज करने का मामला दर्ज किया गया था। जेसीबी द्वारा टपरी को उखाड़ने और जमीन हड़पनेका भी आरोप है। जमानत पाने के प्रयास में इस घटना के बाद से वे फरार थे। हालांकि जमानत पाने में सफल नहीं हो सकने से आखिरकार उन दोनों को तोफखाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

    इस संबंध में तोफखाना थाने की पुलिस निरीक्षक ज्योति गडकरी ने बताया कि वारदात के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। हालांकि, वो नहीं मिले। हमें सूचना मिली थी कि वह शहर आया है, जिसके अनुसार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अब उनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। जुलाई 2021 में उनके खिलाफ दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है। दिल्ली गेट में जूस की दुकान चलाने वाले भागीरथ भानुदास बोडखे ने शिकायत दर्ज कराई है। तदनुसार श्रीपाद शंकर छिंदम, श्रीकांत शंकर छिंदम, महेश सब्बन, राजेंद्र जामदाडे (सभी निवासी तोपखाना) और 30 से 40 अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

    BJP ने किया था पार्टी से निष्कासित

    9 जुलाई की दोपहर सभी आरोपी दिल्ली गेट आए। भगीरथ बोडखे अपने जूस सेंटर में काम कर रहे थे। श्रीकांत और श्रीपद छिंदम सहित भीड़ जेसीबी और क्रेन के साथ आई थी। उन्होंने बोडखे का अपमान किया। जूस सेंटर के सामान को फेंक दिया। श्रीपाद ने कहा कि यह जमीन हमने खरीद ली है और उसका सामान फेंकना शुरू कर दिया। धमकाया और यहां तक कि नस्लवादी टिप्पणी का भी इस्तेमाल किया। उसने टपरी का सामान फेंक कर गल्ले से 30 हजार रुपये निकाल लिए। शिकायत के मुताबिक आरोपी ने जेसीबी की मदद से बोडखे की टपरी को तोड़ दिया। अब इस मामले में छिंदम भाइयों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले श्रीपाद छिंदम छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर विवादों में आए थे। बाद में उन्हें भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जिससे उनका नगरसेवक पद रद्द हो गया था। वह दूसरी बार फिर से चुने गए, उसके बाद भी उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उनके मूल मामले में फैसला अभी बाकी है।