अकोला. सरकार द्वारा अमरावती संभाग के सभी पांच जिलों में पिछले 21 माह से कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है. विभाग को अब तक कोरोना वैक्सीन की 1 करोड़ 27 लाख से अधिक डोज मिल चुकी हैं, यह जानकारी अकोला स्वास्थ्य उप संचालक कार्यालय के विभागीय वैक्सीन भंडार के वरिष्ठ औषध निर्माण अधिकारी राजेंद्र इंगले ने दी है.
अमरावती संभाग के सभी पांच जिलों में अकोला, अमरावती, बुलढाना, वाशिम और यवतमाल में शुरू कोरोना प्रतिबंधक वैक्सीनेशन अभियान के लिए आवश्यकतानुसार समय समय पर वैक्सीन उपलब्ध करवाना, विभागीय वैक्सीन स्टोर के माध्यम से वरिष्ठजनों के मार्गदर्शन में जिलेवार टीकों का वितरण किया जाता है. यह सब वरिष्ठ औषधि निर्माण अधिकारी राजेंद्र इंगले द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
संबंधित कंपनी द्वारा बुलाए जाने पर वैन रात में टीके लेने के लिए पुणे के लिए रवाना करने, विभाग के पास रेफ्रिजरेटर की सुविधा वाली वैक्सीन वैन नहीं है, इसलिए प्रत्येक बॉक्स में आइस पैक के माध्यम से तापमान 2 से 8 डिग्री पर बनाए रखना, जिला कार्यक्रम के अनुसार 16 घंटे के अंदर टीकों का वितरण करना, शेष स्टाक को सुरक्षित रखना आदि प्रक्रिया द्वारा वैक्सीन को लाभार्थी तक पहुंचाने का काम स्वास्थ्य उप संचालक डा.राजकुमार चौहान के मार्गदर्शन में किए जाने की जानकारी राजेंद्र इंगले ने दी है.
वैक्सीनेशन के लिए साल भर में 43 फेरियां!
संभाग के पांच जिलों के लिए वैक्सीनेशन लाने हेतु पिछले एक वर्ष के दौरान पुणे में 21, औरंगाबाद में 20 और नागपुर में 2 इस तरह 43 फेरियां की गयी हैं, यह जानकारी औषध निर्माण अधिकारी राजेंद्र इंगले ने दी है. वैक्सीन वैन वाहन चालक रामकिसन घुगे ने साल भर कई चुनौतियों को पार करते हुए वैक्सीन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
वैक्सीनेशन अभियान के शुरुआती दिनों में राज्य में लाकडाउन था. इसलिए अकोला से पुणे की सड़क पर सादा चाय मिलना मुश्किल था. वैक्सीन लाने में अक्सर तीन दिन लगते हैं, एक दिन वैक्सीन लाने के लिए जाने में लगता है, एक दिन कतार में लगना और इसके बाद एक दिन वहां से यहां तक वैक्सीन लाने में लगता है. इसलिए वैक्सीन ड्राइवर रामकिसन घुगे और मुझे तीन दिन का खाने का डिब्बा अपने साथ ले जाना पड़ा है, यह जानकारी राजेंद्र इंगले ने दी है.