अकोला. अकोला जिला ग्रामीण और महानगर राकांपा कार्यकर्ताओं ने राकांपा के युवा नेता और विधायक रोहित पवार से ईडी की पूछताछ के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए निषेध आंदोलन किया. इस बीच गुरुवार दोपहर स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय के सामने दो घंटे तक घंटा बजाओ आंदोलन कर प्रदर्शन भी किया गया.
इस समय जांच को लेकर कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जिलाधिकारी को इस संदर्भ में एक निवेदन प्रस्तुत किया. हालांकि उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में राकांपा का एक गुट टूट कर सरकार में शामिल हो गया लेकिन बड़ी संख्या में राकांपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी वरिष्ठ नेता शरद पवार के साथ हैं. इनमें से एक प्रमुख नाम विधायक रोहित पवार का भी है, जो अपने दादा शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं. वे शिव-शाहू-फुले-आम्बेडकर की प्रगतिशील विचारधारा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के प्रति वफादारी के साथ, अलगाववादी समूह के खिलाफ राज्य भर में आम नागरिकों, छात्रों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम भी कर रहे हैं. विधायक के तौर पर रोहित पवार भी विधानसभा में और सड़कों पर लड़ाई लड़ते दिख रहे हैं.
पुणे से नागपुर तक की पदयात्रा
राज्य में युवाओं के मुद्दे पर उन्होंने हाल ही में पुणे से नागपुर तक 800 किमी से अधिक लंबी युवा संघर्ष यात्रा निकालकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था. उन्हें जो जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, उसे पूरे राज्य ने देखा. इस अवसर पर उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा ऐसी टिप्पणियां व्यक्त की गईं. यही कारण है कि डरी हुई सरकार ने अब उनके पीछे जांच लगा दी है, यह विचार इस समय उभर कर सामने आए. इस आंदोलन में राकांपा जिला महासचिव आनंद वानखडे, महानगराध्यक्ष मो. रफीक सिद्दिकी, कांग्रेस के डा. अभय पाटिल, श्याम अवस्थी, दिलीप आसरे, पंकज गावंडे, राजकुमार मूलचंदानी, डा.नराजे, देवानंद टाले, महिला आघाडी की सुषमा कावरे, करण दोड, शैलेश बोदडे आदि सहित राकांपा के अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.