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    • पहले ही खरीफ की फसले हो चुकी हैं खराब

    अकोला. पिछले काफी दिनों से मौसम में अचानक परिवर्तन हुआ है. शहर तथा जिले में लगातार बदरीला मौसम शुरू है. इसी तरह सुबह के समय ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरा भी देखा जा सकता है. यह उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जून माह से लेकर अक्टूबर माह तक हुई अत्यधिक बारिश के कारण खरीफ फसलें खराब हो चुकी हैं. जो फसलें थोड़ी बहुत बच गयी थी वे फसलें वापसी की बारिश ने खराब कर दी थी. अभी भी तुअर की फसल पर कीटकों का संक्रमण काफी बढ़ गया है. बोंड इल्ली के संक्रमण के कारण कपास की फसल भी खराब हुई तथा उत्पादन भी काफी घटा है. इस तरह जिले के अनेक क्षेत्रों में कई किसानों का कहना है कि उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पाया है. इस तरह स्थिति काफी बिगड़ी हुई है. 

    बदरीले मौसम से रबी की फसलों पर संकट

    खरीफ फसलें खराब होने के बाद अब किसानों का पूरा दारोमदार रबी की फसलों पर निर्भर हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोहरा तथा लगातार बदरीले मौसम के कारण रबी की फसलों के लिए संकट उत्पन्न हो रहा है. बहुत अधिक बारिश होने के कारण खेतों में काफी गहराई तक नमी है. उस अनुसार इस वर्ष रबी की फसलों के लिए बहुत अच्छा वातावरण है लेकिन इस लगातार बदरीले मौसम के कारण गेंहू तथा चने की फसलों पर विविध प्रकार के कीटकों का संक्रमण बढ़ा है.

    इन कीटकों के संक्रमण को रोकने के लिए किसान छिड़काव कर रहे हैं. इस तरह रबी की फसलों पर किसानों का उत्पादन खर्च बढ़ रहा है. क्यों कि कीट प्रतिबंधक छिड़काव के दाम भी काफी बढ़े हुए हैं. इसी बदरीले मौसम के कारण तुअर की फसलों की भी काफी हानि हो चुकी है. चने की फसल पर मर रोग का संक्रमण देखा जा रहा है. गेंहू की फसल पर भी संक्रमण देखा जा रहा है. इस समय चने की फसल फूल पर है. 

    इस तरह करें देखभाल

    बदरीले मौसम के कारण रबी की फसलें प्रभावित हो रही है. इसी तरह तुअर की फसल पर भी इल्लियों का संक्रमण है. इसे टालने के लिए इमामेकहीन, बेन्जोएट स्सल 10 ली. पानी में 4.5 ग्राम या क्लोरॅट्रिनिलीप्रोल 18.55.0 10 लीटर पानी में 3 मि.ली. डालकर छिड़काव करें इसी तरह चने की फसल पर घाटे इल्ली का संक्रमण रोकने के लिए 10 लीटर पानी में 20 मि.ली. इस तरह छिड़काव करें. यह सलाह कृषि विशेषज्ञों द्वारा दी गयी है.