
- लक्ष्य पूर्ति के लिए समीक्षा की दरकार
अमरावती. संपूर्ण महाराष्ट्र में टेक्सटाईल का पार्क का डंका पीटकर नांदगांव पेठ एमआइडीसी में शुरू किए गए 11 उद्योगों से कुल 5413 रोजगार उपलब्ध होने थे, लेकिन वास्तविकता में 4244 रोजगारों का ही सृजन हो सका है. इस तरह 1169 रोजगार कहां गए. यह यक्ष प्रश्न निर्माण हो गया है. एक तरफ जहां कोरोना ने हजारों रोजगार छीन लिए है, वहीं दूसरी तरफ विदर्भ और जिले के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की सहुलियतों के बाद भी यह टेक्सटाईल कंपनियां 5-6 वर्षों के बाद भी अपनी लक्ष्य पूर्ति नहीं कर पा रही है.
कौन करेगा समीक्षा
नांदगांव पेठ में नागपुर महामार्ग पर कुल 2809.78 हेक्टेयर जमीन पर अतिरिक्त एमआइडीसी स्थापित की गई. उसमें से अधिकांश क्षेत्र टेक्सटाईल पार्क के लिए आरक्षित किया गया. वर्ष 2005 से शुरू की गई टेक्सटाईल पार्क की योजना के अंतर्गत अब तक 11 बड़ी कंपनियों ने अपने उद्यम शुरू किए. सर्वाधिक 280 करोड़ रुपए की लागत प्रस्तावित कर वीएचएम इंडस्ट्रीज में कुल 560 रोजगार निर्मिति होनी थी. जबकि वास्तविकता में 10 वर्षों में 199.24 करोड़ की लागत लगाकर शुरू किए गए इसके टेक्सटाइल यूनिट में 540 रोजगार उपलब्ध हुए है.
देना था 500 रोजगार, 306 को नौकरी
इसी तरह 273 करोड़ की लागत प्रस्तावित करने वाले फेब्रिक निर्माता कंपनी श्याम इंडोफेब ने 500 रोजगार का वादा किया गया था. वास्तव में इस कंपनी ने इन 10 वर्षों में केवल 68 करोड़ रुपए की लागत लगाकर केवल 306 लोगों को रोजगार दिया है. इसी तरह 243.88 करोड़ रुपए की लागत से टेक्सटाईल यूनिट शुरू करने तैयारी दिखाने वाले सियाराम सिल्क मिल ने केवल 120 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है. सियाराम ने सबसे अधिक 700 रोजगार निर्मिति का दावा किया था. वास्तविकता में लक्ष्य से एक तिहाई यानि केवल 211 लोगों को ही राजगार दे पाई है.
उद्यमियों की जानें दिक्कतें
तत्कालीन उद्योग मंत्री अशोक चव्हाण की संकल्पना से वर्ष 2005 में यह टेक्सटाईल पार्क स्थापित किया गया. तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज चव्हाण की पहल पर इस टेक्सटाईल पार्क में अपने उद्यम स्थापित करने के लिए लाल कारपेट बिछाने के साथ कई तरह के एडवांटेज दिए गये. इसी क्रम में नागपुर में हुए विदर्भ वाईब्रेंट में अधिकांश उपरोक्त कंपनियों ने नांदगांव पेठ टेक्सटाईल पार्क में अपने उद्यम लगाने एमओयु किया. बाद में वर्ष 2014-15 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सियाराम, रेमंड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के यूनिट का शुभारंभ किया था. अब महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस को अपनी ही संकल्पना की लक्ष्य पूर्ति के लिए उद्योग मंत्री सुभाष देसाई पर दबाव बनाने की आवश्यकता है. उपरोक्त उद्योजकों को लक्ष्य पूर्ति में क्या दिक्कतें आ रही है. इसकी समीक्षा कर रोजगार के अवसर बढ़ाने पहल करनी चाहिए.
एमआइडीसी में शुरू उद्योगों में रोजगार व लागत (करोड़ में) की वस्तूस्थिति
उद्योग प्रस्तावित लागत प्रत्यक्ष लागत प्रस्तावित रोजगार प्राप्त रोजगार
वीएचएम इंडस्ट्रीज 280 199.24 560 540
गोल्डन फायबर 150 125 550 549
श्याम इंडोफेब 273 68 500 306
सुर्यलक्ष्मी कॉटन मिल 160 124 400 230
रेमण्ड कॉटन लि. 188 188 550 585
दामोदर इंडस्ट्रीज 150 150 553 565
बालेश्वर सिंथेटिक 47 47 300 108
डव गारमेंटस 35 35 500 500
सियाराम सिल्क मिल 243.88 120 700 211
प्रताप इंडस्ट्रीज 250 100 300 150
पलक इंडस्ट्रीज 25 25 500 500