आखिरकार 35 बंदर हुए कैद, APMC के सहयोग से कार्रवाई

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चांदूर रेलवे (सं). नगर में पिछले कई दिनों से गांव के साथ-साथ कृषि उपज मंडी समिति क्षेत्र में भी बंदरों का आतंक बना हुआ है. किसान अपना सोना जैसे सामान को बेचने के लिए मंडी समिति में ला रहे हैं. बंदर लाये गये माल को खा रहे थे और माल को नष्ट कर रहे थे. इस बात पर बाजार समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जगदीश आरेकर की नजर पड़ी और उन्होंने सिल्लोड के प्रसिद्ध वन्य जीव मित्र समाधान गिरी को चांदूर रेलवे बुलाया और 35 बंदरों को कैद कर लिया.

मार्केट कमेटी के एरिया में बंदर नगर क्षेत्र में 150 से 200 बंदर हैं. चूंकि ये बंदर एक घर से दूसरे घर में कूद रहे थे, इसलिए गांव के बच्चे और महिलाएं इन बंदरों के कारण घर से बाहर जाने से डरते थे, गांव में डर का माहौल था. कई जगह पुराने टिन के घर हैं. चूंकि कई नागरिकों ने उस टिन पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए हैं ताकि वह तेज हवा से उड़ न जाए, बंदर जब टिन पर कूदते हैं तो पत्थर नीचे गिर जाते हैं, जिससे बच्चों और महिलाओं को कई बार बचाया जा चुका है.

कई बार गांव में नागरिकों के घरों के बाहर दोपहिया व छोटे चार पहिया वाहनों पर बंदरों के कूदने से वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. ये बंदर गांव के पास के खेतों में पड़े सामान को नष्ट कर देते हैं. जिससे ये बंदर कई किसानों की कपास, मक्का, चना आदि फसलों को नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को परेशानी हो रही थी.

पोहरा के वन क्षेत्र में छोड़ा

ये बंदर चांदूर रेलवे के नागरिकों के साथ गांव के पास किसानों के सामान का इंतजार कर रहे थे. 18 जून को प्रसिद्ध वन्य जीव मित्र साधन गिरी द्वारा रविवार सुबह 6 बजे से पोहरा के वन क्षेत्र में 35 बंदरों को छोड़ा गया. लेकिन यह सारा काम चांदूर रेलवे वन विभाग का है, लेकिन वन विभाग इस काम की उपेक्षा कर रहा है. वन विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है कि शहर में बंदरों को पकड़ने के दौरान उन्हें इस वक्त मौजूद रहना चाहिए. लेकिन वन विभाग इस काम में लापरवाही बरत रहा है.