खराब रास्ते की वजह से गणपति विसर्जन नहीं करेंगे, पूर्णानगर गांववासियों ने लिया सामुहिक निर्णय

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    अमरावती. येलकी पूर्णा से पूर्णानगर के रास्ते की हालत काफी दयनीय है. संबंधित अधिकारियों ने इस रास्ते का मुआयना कर रास्ते की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भी भेजा है. परंतु अब तक रास्ते का काम शुरू नहीं किया गया. अगर वक्त रहते रास्ते का काम नहीं हो पाया तो, गांव के गणपति का विसर्जन नहीं किया जाएगा, ऐसा गांववासियों ने सामुहिक निर्णय लिया है, इस आशय का ज्ञापन गांववासियों ने जिलाधिकारी को सौंपा.

    उन्होंने बताया कि, पूर्णानगर करीब 15 हजार लोगों की बस्ती हैं. गांव के रास्ते की हालत काफी खराब है. वाहन से इस रास्ते पर जाना तो दूर पैदल भी सही ढंग से नहीं चल पाते. इस बारे में कई बार शासन, प्रशासन के पास प्रयास किये, विधायक को भी समस्या से अवगत कराया, कई बार ज्ञापन सौंपे, परंतु अब तक कोई लाभ नहीं हुआ. पूर्णानगर में पूर्णा नदी है. सार्वजनिक मंडल के 3 गणपति और घरेलू मिलाकर 200 से अधिक गणपति की प्रतिमा विराजमान की जाती है. रामा, साहुर, टाकरखेडा, आष्टी, मार्की, वायगांव के गणपति भी विसर्जन के लिए पूर्णानगर आते हैं.

    मगर इस बार रास्ता पूरी तरह से खराब हो चुका है. रास्ते के दोनों ओर बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए है, नदी तक ट्रैक्टर या अन्य कोई वाहन नहीं जा सकता, इस वजह से रास्ता नहीं होने के कारण गणपति का विसर्जन नहीं करने का सामुहिक निर्णय गांववासियों ने लिया है. विसर्जन के दिन शोभायात्रा निकालेंगे और गणपति नदी के पास रखेंगे. बाहरगांव से आने वाले गणपति भी वहीं जमा करेंगे, जिससे जब रास्ते का निर्माण कार्य किया जाएगा तब तक गणपति विसर्जित नहीं करेंगे.

    गणपति की देखरेख की जिम्मेदारी व किसी तरह का अनुचित प्रकार होता है तो, उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार रहेगा, ऐसी चेतावनी भी दी. इस समय छोटु महाराज वसू, सुनील वानखडे, मनोज बोबडे, रॉयल किरेकार, रितेश भातकुलकर, पवन देवगड, सागर ठाकुर, प्रवीण बोबडे, सचिन बंड उपस्थित थे.