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अमरावती. एक तरह परिवहन विभाग वाहनों की जांच मोहिम सिर्फ टैक्स वसूली हेतु करती है या त्योहार के समय आवागमन की मांग अधिक होने पर ट्रैवल्स धारकों द्वारा अतिरिक्त शुल्क वसूलने पर नकेल कसने हेतु उन पर कार्रवाई करती है. पुलिस विभाग चोरी हुए वाहनों को चोरों के पास से वाहन जब्त कर वाहन धारकों को लौटाने में मदद करती है, लेकिन पुलिस विभाग की यह प्रक्रिया काफी लंबी चलती है. जिसके चलते अनेक स्थानों में वाहन भंगार के तौर पर पड़े रहते हैं.

परिवहन विभाग द्वारा अधिकतर कार, ट्रक, ट्रैवल्स पर अपना ध्यान केंद्रित करती है. राष्ट्रीय राजमार्ग या शहर के समीप से गुजरने वाले बाईपास पर परिवहन विभाग अपना डेरा जमाएं रहती हैं. वहीं पर कार्रवाई होती है. शहर में ट्रैफिक विभाग अधिकतर दोपहिया वाहनों पर शिकंजा कसती है. इसमें लाइसेंस, टैक्स, इंश्योरेंस, वाहन के अधिकृत कागजात, वहीं पर ट्रिपल सीट सवार जैसी जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करती है. इस तरह प्रशासन के अलग-अलग विभागों द्वारा वाहनों पर टैक्स वसूली तथा नियमों के अनुसार व्यवहार व कागजात की जांच कर कार्रवाई की जाती है.

16 ट्रैवल्स पर कार्रवाई

इस बारे में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजाभाऊ गिते ने बताया कि उनके विभाग द्वारा अब तक कुल 16 ट्रैवल्स धारकों पर कार्रवाई की गई है. कानून का उल्लंघन किए जाने हेतु उन पर कार्रवाई की गई. विशेष शहर से पुना हेतु दीपावली पर बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन रहता है. इसके चलते ट्रैवल्स धारकों द्वारा यात्रियों से मन माने तरीके से किराया वसूलते हैं. उस पर निगरानी रखकर यह कार्रवाई की गई. इसके अलावा कार, ट्रक एवं ट्रेवल्स धारकों पर अधिकांश टैक्स नहीं भरा होने के चलते कार्रवाई की जाती है. उन्हें डिटेन किया जाता है. वाहन धारक द्वारा टैक्स अदा करने पर उन्हें  रिहा किया जाता है. बहुत कम प्रकरण में न्यायालयीन प्रकिया की आवश्यकता पड़ती है.

20 लाख दोपहिया वाहन पड़े है भंगार

शहर यातायात पुलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक करीब डेढ़ लाख वाहन चालको पर कार्रवाई की गई. इसमें दोपहिया , कार, ऑटो और टेम्पो माल वाहक धारकों पर कार्रवाई की गई है. ट्रिपल सीट दोपहिया वाहन चालकों को 10हजार का जुर्माना लगाया जाता है. करीब 100 के आसपास शराब पीकर वाहन  चालकों पर कार्रवाई की गई. इनका मेडिकल कर आगे की प्रक्रिया की जाती है. ठाकरे ने बताया कि कोई वाहन चालक गलती करने के बाद भी सिपाही द्वारा रोकने से नहीं रुकने पर वह कमरे में कैद हो जाने पर उन्ह पर कार्रवाई की जाती है. उनके अनुसार शहर में करीब 20 लाख दोपहिया वाहन, एक लाख कारें, ऑटो 12 से 15 हजार है. शहर में  सुचारू यातायात करने हेतु प्रशासन को काफी मशक्कत के साथ हरदम चुस्त रहना पड़ता है.

वाहनों को मालिक तक पहुंचाने टीम गठित

शहर में 10 ठाना और जिले के ग्रामीण भागों में 31 ठाना इस तरह कुल जिले में 41 स्थान का समावेश है इसमें कानून प्रक्रिया में अटके वाहन अलग-अलग थाने में कम ज्यादा प्रमाण में पड़े हैं. इन वाहनों पर कार्रवाई के बारे में स्थानीय फेजरपूरा थाने के थानेदार गोरखनाथ से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि जो वाहन चोरी जाते हैं. वह मिलने पर उसे वाहन धारक द्वारा सारे कागजात सही पाए जाने पर उन्हें वहां सौंप दिए जाते हैं. लेकिन जो वाहन चोरी या अन्य प्रकरण में उपयोग लिए जाता है. उस वाहन को जब तक वह प्रकरण का निपटारा नहीं होता, तब तक उस वाहन को जप्ती के तौर पर थाने में रखा जाता है. शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के मार्गदर्शन में अपराध शाखा यूनिट एक के पुलिस निरीक्षक आसाराम चोरमले के नेतृत्व में लावारिस पड़े वाहनों के मालिकों तक पहुंचने हेतु एक टीम गठित की है. वह विभिन्न स्थानों में स्थित वाहनों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. इसके बारे में आरटीओ से भी मदद ली जा रही है.