मुंबई: पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों पर गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सफाई दी है। उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “परम बीर सिंह द्वारा मेरे ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं और मुझे और महागठबंधन सरकार को बदनाम करने की एक साजिश है।”
गृहमंत्री ने सिंह पर पलटवार करते और सवाल पूछते हुए कहा, “सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद वह इतने दिनों तक चुप क्यों थे? वह पहले क्यों नहीं बोलते थे?”
Allegations levelled against me by Param Bir Singh are false & conspiracy to defame me & Maha Vikas Aghadi govt to defend himself. Why was he quiet for so many days after Sachin Waze was arrested? Why didn’t he speak earlier?: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh (File photo) pic.twitter.com/SNRJH6A7FQ
— ANI (@ANI) March 20, 2021
मुख्यमंत्री कराए निष्पक्ष जांच
देशमुख ने आगे कहा, “यह परम बीर सिंह द्वारा विस्फोट मामले और मनसुख वीरेन की संदिग्ध मौत की जांच को पटरी से उतारने की साजिश है। मुख्यमंत्री को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।”
उन्होंने पुलिस अधिकारी पर लगाए आरोपों को साबित करने की चेतावनी देते हुए कहा, “परमबीर सिंह को अपने आरोपों को साबित करना चाहिए। मैं उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहा हूं।”
Param Bir Singh should prove his allegations. I am filing a defamation suit against him: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh
— ANI (@ANI) March 20, 2021
दूसरे ईमेल और बिना हस्ताक्षर के पत्र भेजा
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पत्र को लेकर कहा कि, “परमबीर सिंह का पत्र आज शाम 4:37 बजे एक अलग ईमेल पते के माध्यम से प्राप्त हुआ, न कि उनके आधिकारिक एक और उनके हस्ताक्षर के बिना। नए ईमेल पते की जाँच करने की आवश्यकता है। गृह मंत्रालय उसी के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है।”
Letter from Param Bir Singh was received at 4:37 pm today via a different email address, not his official one & was without his signature. The new email address needs to be checked. Home Ministry is trying to contact him for the same: Chief Minister’s Office, Maharashtra
— ANI (@ANI) March 20, 2021
परमबीर सिंह ने पत्र में क्या आरोप लगाए?
शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में मुंबई के पूर्व कमिश्नर ने परमबीर ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कई संगीन आरोप लगाए। अपने भेजे पत्र में सिंह ने कहा, “अनिल देशमुख अपने अधिकारी को पिछले कुछ महीनों में बार-बार और कई बार अपने सरकारी निवास ज्ञानेश्वर बुलाया और रुपयों की उगाही का निर्देश दिया।”
परमबीर ने आने लिखा, “फ़रवरी के मध्य और उसके बाद के गृह मंत्री ने सचिन वाझे को उनके आधिकारिक निवास पर बुलाया था। उस समय, एक या दो कर्मचारी गृह मंत्री के सदस्यों सहित उनके निजी सचिव, पालंडे भी उपस्थित थे।”
उन्होंने आगे कहा, “गृह मंत्री ने वाझे को महीने में 100 करोड़ लक्ष्य प्राप्त कर ने के लिए बताया कि, मुंबई में 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं, अगर एक से भी 2-3 लाख रुपये जमा किया जाता गई तो हर महीने 40-50 करोड़ रुपए जमा किया जा सकता है।” परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी के साथ सबूत भी दिया है। जिसमें उन्होंने अपने एक सहकर्मी एसीपी संजय पाटिल के साथ व्हाट्सअप चैट भी साझा किया है। जिसमें दोनों अधिकारीयों के बीच उगाही को लेकर हुई बातचीत शामिल है।