MP Imtiaz Jalil

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छत्रपति संभाजीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को आश्वासन दिया था कि गरीब परिवारों को उनके घर का सपना मार्च 2022 तक पूरा किया जाएगा, लेकिन संभाजीनगर (Sambhajinagar) में पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) में आज तक एक भी गरीब परिवार को घर नहीं मिला। प्रशासन और सत्ताधारी मंत्रियों के अनदेखी से पीएम आवास योजना का काम आज तक शहर में शुरु नहीं हुआ। ऐसे में गरीब परिवार सिर्फ अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं, इसको लेकर गरीबों को प्रतिकात्मक घर वितरित करने का एक अलग कार्यक्रम शनिवार की शाम शहर के आमखास मैदान पर आयोजित किया गया है। यह जानकारी कार्यक्रम के आयोजक और जिले के सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। 

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने बड़े पैमाने पर पीएम आवास योजना का प्रचार और प्रसार किया। देशवासियों को मार्च 2022 तक खुद के घर का सपना पूरा करने का आश्वासन देश के पीएम मोदी कई बार दे चुके थे। इसके बावजूद शहर में पीएम आवास योजना पिछले कई सालों से खटाई में पड़ी हुई हैं। 

कल विरोध में कार्यक्रम का आयोजन

आज तक एक भी गरीब परिवार को इस योजना के तहत घर न मिलने से खफा जिले के सांसद इम्तियाज जलील ने शनिवार को शहर के आमखास मैदान पर एक अलग कार्यक्रम का आयोजन कर शहर के कुछ चुनिंदा गरीब परिवारों को प्रतिकात्मक घर वितरित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए पत्रिका भी प्रकाशित का गई है। कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड, रेल राज्यमंत्री रावसाहाब दानवे, राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, पालकमंत्री संदिपान भुमरे, जिले के सत्ताधारी विधायकों आमंत्रित किए जाने की जानकारी सांसद जलील ने दी। 

पीएम मोदी को भेजा जाएगा प्रतिकात्मक घर 

सांसद जलील ने बताया कि पीएम आवास योजना में शहर में एक भी घर का निर्माण न होने को लेकर शनिवार को आयोजित कार्यक्रम के बाद देश के पीएम नरेन्द्र मोदी को भी एक प्रतिकात्मक घर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में इस योजना के शुरु होने से पूर्व महानगरपालिका द्वारा जारी किए टेंडर में हुए घोटाले से हमें कोई लेना-देना नहीं है। हम चाहते है कि किसी भी हालत में गरीबों को घर मिले। गरीबों के घर का सपना पूरा करने की जिम्मेदारी बीजेपी के मंत्रियों की है, परंतु उनका ध्यान न होने से यह योजना आज भी शहर में अधर में है। मैंने बीते वर्ष संसद में आवाज उठाने पर उस योजना के लिए गठित केन्द्रीय समिति ने स्थानीय अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर कड़े निर्देश दिए थे, परंतु अधिकारियों पर उसका कोई असर नहीं हुआ।