मराठवाड़ा के औद्योगिक विकास के लिए औरिक में बड़ा निवेश लाने के लिए सीएमआईए संगठन की पहल

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    औरंगाबाद : चैंबर ऑफ मराठवाड़ा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (सीएमआईए) की नई कार्यकारिणी ने उद्योग क्षेत्र (Industry Sector) की समस्याओं और मुद्दों को हल करने के लिए पिछले दो महीनों में विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए हैं। मुंबई में उच्चस्तरीय अधिकारियों (High Level Officers) और राज्य के सहकार मंत्री अतुल सावे (Atul Save) के प्रयासों से डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलकर औरिक और मराठवाड़ा में बड़े पैमाने पर निवेश लाने के लिए प्रयास करने की अपील की। उत्पादन क्षेत्र सहित सर्विस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिडकीन में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारी केंद्र विकसित करने की मांग भी फडणवीस से की गई। यह जानकारी सीएमआईए के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने दी। संस्था की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में वे बोल रहे थे। प्रेस वार्ता में प्रमुख रुप से सीएमआईए संस्था के उपाध्यक्ष दुष्यंत पाटिल, सचिव अर्पित सावे, कोषाध्यक्ष उत्सव माछर, सह कोषाध्यक्ष अथरवेशराज नंदावत उपस्थित थे। 

    औरंगाबाद को मराठवाड़ा के ग्रोथ इंजन के रूप में देखा जाता है, यहां एक मेगा उद्योग होना बहुत जरूरी है जो आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करेगा। सीएमआईए के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बताया कि सीएमआईए के माध्यम से हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। ऑटोमोबाइल, फार्मा, सीड्स, ईवी, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की नामी कंपनियां औरंगाबाद में निवेश करना चाहती हैं। इसके लिए सीएमआई संगठन खुद इन कंपनियों से संवाद करेगा और शहर में निवेश की संभावनाओं पर प्रकाश डालेगा।

    स्थानीय से वैश्विक-निर्यात को बढ़ावा देना

    हम अपने विभाग से निर्यात बढ़ाने की कोशिश करेंगे। स्थानीय से वैश्विक पहल के माध्यम से कृषि और उद्योग से निर्यात क्षमता वाले उद्योगों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उपाध्यक्ष दुष्यंत पाटिल ने बताया कि सीएमआईए की ओर से बाल्कन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले में हमारे उत्पादों को बेहद रियायती मूल्य पर लेने की पहल की गई है। इस सम्मेलन में औरंगाबाद की 10 कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें से 3 पहली बार अपने उत्पादों का निर्यात करने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे निर्यात को बढ़ाने के लिए विभिन्न सम्मेलन और मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

    महिला उद्यमिता समिति की स्थापना

    नई टीम ने अपने विभाग में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अलग सेल का गठन किया है। कोषाध्यक्ष उत्सव माछर ने बताया कि सरकार की नीतियों में महिला उद्यमिता के विकास के लिए कई गतिविधियां संचालित की जाएंगी। वर्षा देशमुख इस वर्ष इस समिति की अध्यक्ष होंगी और इस समिति के माध्यम से महिला उद्यमी और स्टार्टअप बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

    भविष्य में की जाने वाली पहल

    सीएमआईए के मानद सचिव अर्पित सावे ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और आईटी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अगले महीने एक दिवसीय सेमिनार ‘अमेजिंग औरंगाबाद’ का आयोजन किया गया है। साथ ही अगले कुछ महीनों में फाइनेंस समिट का भी आयोजन किया जाएगा। उत्प्रेरक की भूमिका सेसंगठन द्वारा आने वाले वर्षों में सरकार-उद्यमियों-शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। मानद सचिव अर्पित सावे ने राय व्यक्त की कि सरकारी स्तर पर तैयार की गई नीति, उद्योग क्षेत्र की आवश्यकता और शिक्षण संस्थान द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण के लिए सीएमआईए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

    उद्योग क्षेत्र सांख्यिकी

    संस्था के सह कोषाध्यक्ष अथरवेशराज नंदावत ने बताया कि सीएमआईए की ओर से उद्योग क्षेत्र के संबंधित आंकड़ों की घोषणा की जाएगी। इस बार कुछ आंकड़े जारी किए गए। उन्होंने बताया कि प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना के बाद जीएसटी, पीएफ और निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। अंत में सीएमआईए की ओर से शहर में स्थित उद्योग, उससे मिलने वाला रोजगार, कुल निवेश की जानकारी दी गई। सीएमआईए के अध्यक्ष नितिन गुप्ता और मानद सचिव अर्पित सावे ने बताया कि औरंगाबाद में लघु उद्योगों की संख्या 3 हजार 800 के करीब है। उनसे 86 हजार लोगों को रोजगार मिलता है।  कुल निवेश करीब 1200 करोड़ है। गत आर्थिक वर्ष के पहले तिमाही में शहर के उद्योजकों से जीएसटी के रुप में 631 करोड़ रुपए मिले थे, इसमें चालू  आर्थिक वर्ष के प्रथम तिमाही में बड़े पैमान पर इजाफा होकर जीएसटी से वसूली हुई राशि 951 करोड़ पर जा पहुुंची है। गुप्ता ने बताया कि देश में निर्यात करने वाले प्रथम 30 शहरों में औरंगाबाद भी शामिल है। इसमें गत आर्थिक वर्ष में ऑटो क्षेत्र में 5 हजार 624 करोड़, फार्मा में 1600 करोड़, प्लास्टिक में 1176 करोड़, बड़ी मशिनरी से 1176 करोड़, ऑप्टिक्स में 560 करोड़ इन क्षेत्रों का देश में प्रथम 5 में निर्यात करने वाले क्षेत्र में शामिल है।