Beware of thugs, Mahavitaran appeals to customers
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    औरंगाबाद: महावितरण (Mahavitaran) की विकेन्द्रीकृत सौर कृषि-ऊर्जा परियोजनाएं (Decentralized Solar Agro-Energy Project) जोरों पर हैं। प्रकल्प (Project) के लिए बढ़ते प्रतिसाद के चलते किसानों के सिंचाई के लिए दिन में बिजली आपूर्ति करने का सपना साकार होने लगा है। राज्य सरकार के मुख्यमंत्री (Chief Minister) सौर कृषि वाहिनी योजना के अंतर्गत आज तक 1440 मैगावैट क्षमता का करार किया गया है। वहीं, राज्य भर में 108 सौर कृषि लाइन द्वारा वर्तमान में 45 हजार 664 किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति जारी की गई है। 

    ऊर्जा  मंत्री डॉ. नितिन राउत द्वारा परिकल्पित कृषि पंप बिजली नीति 2020 में कृषि पंपों को बिजली की दैनिक आपूर्ति के लिए सौर कृषिवाहिनी योजना के तहत विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए महावितरण के माध्यम से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। महावितरण  के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं में तेजी लाने पर अधिक जोर दिया है जिससे  इस प्रणाली को भी गति मिली है। इस योजना के तहत 2 से 10 (2×5) मेगावाट क्षमता की विकेंद्रीकृत सौर परियोजनाओं को कृषि अतिभारित सबस्टेशन के 5 किमी के दायरे में लागू किया जा रहा है और संबंधित कृषि चैनलों के माध्यम से कृषि पंपों को दैनिक बिजली आपूर्ति प्रदान की जा रही है।

    महावितरण द्वारा लगातार निविदाएं जारी की जा रही हैं

    इस योजना के तहत अधिकतम विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए महावितरण द्वारा लगातार निविदाएं जारी की जा रही हैं। इससे पहले 1300 मेगावाट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें पहले महावितरण को 111 मेगावाट का रिस्पांस मिला था। लेकिन अधिक प्रतिसाद पाने के लिए, महावितरण  के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक  विजय सिंघल ने विशेष प्रयास किए। 

    1440 मेगावाट क्षमता के लिए बिजली खरीद समझौते किए

    महावितरण  ने राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजनाओं में 1440 मेगावाट क्षमता के लिए बिजली खरीद समझौते किए हैं। जिसमें से 396 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को कार्यान्वित किया जा चुका है। यह जल्द ही एक और 111 मेगावाट जोड़ देगा। महावितरण  किसानों को दिन में बिजली की आपूर्ति के लिए अधिकतम विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदाएं जारी करने की प्रक्रिया में है। हाल में की गई  निविदा प्रक्रिया में, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 385 मेगावाट क्षमता का प्रतिसाद प्राप्त हुआ है। इस प्रकल्प से भी करार करने की अगले कार्यवाही तेजी से जारी है। 

    किराए में हर साल तीन फीसदी की बढ़ोतरी होगी

    महावितरण  के 2725 सब-स्टेशनों के 5 किमी के दायरे में न्यूनतम 3 एकड़ और अधिकतम 50 एकड़ सरकारी और निजी बंजर और परती भूमि पट्टे पर ली जा रही है। राज्य सरकार ने एक रुपये के मामूली पट्टे पर 30 साल के लिए सरकारी जमीन लेने की मंजूरी दे दी है। किसानों के व्यक्तिगत, समूह गुट, सहकारी समितियों और ग्राम पंचायतों के स्वामित्व वाली भूमि के लिए प्रति एकड़ 30,000 रुपये  किराए का भुगतान किया जा रहा है। साथ ही किराए में हर साल तीन फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

    राज्य से अब तक सौर परियोजना स्थलों के लिए 1111 आवेदनों के माध्यम से कुल 16,049 एकड़ भूमि के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। तकनीकी सर्वेक्षण से पता चला है कि इस भूमि  में 4,008 एकड़ सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए तकनीकी रूप से उपयुक्त है।