MLA Babanrao Lonikar

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    औरंगाबाद. राज्य की तत्कालीन देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने मराठवाडा (Marathwada) की पेयजल समस्या हल करने 4 हजार 293 करोड़ के लागत वाली पानी ग्रीड परियोजना को मंजूरी दी थी। इस योजना को मंजूरी देकर दो साल गुजर गए, लेकिन राज्य की वर्तमान ठाकरे सरकार (Thackeray Government) इस योजना पर अमलीजामा पहनाने के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं कर रही है। यह आरोप राज्य के पूर्व पेयजल मंत्री और भाजपा विधायक बबनराव लोणीकर (MLA Babanrao Lonikar) ने यहां लगाया।

    उन्होंने ठाकरे सरकार को चेताते हुए कहा कि वे  तत्काल इस योजना के निर्माण के लिए पहल करें, वरना वे न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे। लोणीकर ने ठाकरे सरकार के कामकाज पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार मराठवाडा वासियों को सिर्फ सलाईन पर रख रही है। वह इस संभाग की जनता को जिंदा भी नहीं रखना चाहती और मरने भी नहीं देती। पिछले कई सालों से मराठवाडा में सूखे से परेशान हजारों किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की आत्महत्याओं को  रोकने तथा संभाग के हर क्षेत्र में समान पानी वितरण के लिए तत्कालीन फडणवीस सरकार ने वॉटर ग्रीड योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना में राज्य भर के बड़े व छोटे बांधों को एक दूसरे से पाइप लाइन कर जोड़ना था। यह योजना फडणवीस सरकार राज्य के तिजोरी से ही पूरी करनेवाली थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना के लिए केन्द्र सरकार से 5 हजार करोड़ से अधिक का निधि मांगा है। इस पर बबनराव लोणीकर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए दावा किया कि वॉटर ग्रीड योजना राज्य सरकार ने पूरी की तो संभाग में 10 से 12 साल भी बारिश ना होने पर इस क्षेत्र में अकाल नहीं पड़ेगा।

    हर साल मराठवाडा को 22 टीएमसी पेयजल की जरुरत 

    एक सवाल के जवाब में लोणीकर ने बताया कि मराठवाडा की 2 करोड़ जनता को हर साल 22 टीएमसी पीने के पानी की जरुरत होती है, जबकि औरंगाबाद जिले के जायकवाडी बांध में 115 टीएमसी पानी स्टाक होता है। मराठवाडा के ऊपरी क्षेत्रों में स्थित बांधों से पाइप लाइन संभाग के सभी छोटे बड़े बांधों में की गई तो यहां की पानी की समस्या पूरी तरह हल होगी। इजराइल, श्रीलंका तथा ऑस्ट्रेलिया इन देशों में बांधों को पाइप लाइन कर एक दूसरे से जोड़ा गया है। जिससे उन देशों के हर क्षेत्र में पानी का स्टॉक बरकरार रहता है।

    हजारों टीएमसी पानी अन्य राज्यों में बह जाता 

    लोणीकर ने बताया कि संभाग में बारिश का पानी बड़े पैमाने पर नदी और नालों के सहारे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बह जाता है। बहनेवाले पानी को रोकने के लिए हायब्रीड अन्युटी तत्व पर औरंगाबाद और जालना, बीड, लातूर व उस्मानाबाद इन पांच जिलों के लिए करीब 12 हजार 200 करोड़ रुपए की निविदा निकालने के लिए फडणवीस सरकार ने मान्यता भी दी थी। मराठवाडा की जनता के पानी प्रश्न पर महत्वकांक्षी योजना को इस सरकार के काल में रुकावट की संभावना के कारण पूर्व सीएम व मैंने मराठवाडा वॉटर ग्रीड योजना को बंद करने के निर्णय के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी बबनराव लोणीकर ने दी।