Dr. Nikhil Gupta

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छत्रपति संभाजीनगर: शहर के पुलिस कमिश्नर डॉ. निखिल गुप्ता (Police Commissioner Dr. Nikhil Gupta) ने आयुक्तालय क्षेत्र में संगठित रुप से गंभीर अपराध करने में शामिल चार अपराधियों (Criminals) पर शिकंजा कसते हुए उन पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गनाईज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) लगाया है। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से शहर के अपराधियों की नींद हराम है। 

जिन चार शातिर अपराधियों पर मकोका लगाया गया है, उन्होंने हाल ही में शहर के दौलताबाद थाना क्षेत्र में दो माह पूर्व एक  व्यापारी को डरा धमकाकर 27 लाख 50 हजार रुपए लूटे थे। इस गैंग के चारों सदस्यों पर मकोका लगाया गया है। इन चारों को शहर पुलिस आयुक्तालय के क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर उनसे व्यापारी से लूटे हुए कुल रकम में से 6 लाख 11 हजार रुपए का माल जप्त किया था। 

अपराधियों पर पहले से दर्ज हैं कई गंभीर धाराएं

जिन संगठित अपराधियों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की गई है उनकी पहचान 37 वर्षीय दीपक आसाराम बडे निवासी  पडेगांव, इसके खिलाफ शहर के मुकुंदवाडी, सिडको थाना में धारा 457, 380, 427,  201, 34, 319 के तहत गंभीर अपराध दर्ज है। इसके अलावा 40 वर्षीय देवीदास शामलाल रोरे निवासी लासुर स्टेशन गंगापुर के  खिलाफ शहर के मुकुंदवाडी और सिडको थाना में कई धाराओं के तहत चार अपराध दर्ज हैं। वहीं, 32 वर्षीय प्रवीण सुभाष राउत निवासी हनुमान कालोनी वालूज के खिलाफ जिले के गंगापुर, सिल्लेगांव के अलावा शहर के जवाहनगर और छावनी थाना में आठ गंभीर अपराध दर्ज है। वहीं, इस गैंग के फरार सदस्य हेमंत किशोर वाघ पर भी शहर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए उसके खिलाफ मकोका लगाया है। हेमंत वाघ के खिलाफ जिले के गंगापुर के अलावा जलगांव, अहमदनगर जिले के कई पुलिस थानों में अलग-अलग धाराओं के तहत चार गंभीर अपराध दर्ज हैं। इन चारों की बढ़ती अपराधी वृत्ति के चलते शहर पुलिस ने उन चारों पर मकोका के तहत कार्रवाई की है। 

एक आरोपी है फरार

इसमें तीन आरोपियों की रवानगी हर्सूल जेल में की गई है, जबकि एक आरोपी फरार है। जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश में जूटी हुई है। यह कार्रवाई सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, डीसीपी अपर्णा गिते, दीपक गिरे के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रांच के पीआई अविनाश आघाव, विनोद सल्गरकर, पीएसआई सचिन वायाल, पुलिस हेड कांस्टेबल द्वारकादास भांगे, महादेव दाणे, दीपाली सोनवने ने पूरी की। गौरतलब है कि शहर पुलिस द्वारा अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने के बावजूद शातिर अपराधी अपराधों को अंजाम देकर आम आदमी को परेशान किए  हुए हैं।