नई पेयजल योजना के काम को लेकर केंद्रीय मंत्री डॉ. कराड ने ली ठेकेदार की क्लास, कहा- काम में तेजी लाएं

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    औरंगाबाद : शहर की पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) की समस्याएं हल करने के लिए हाथ में ली गई 1680 करोड़ रुपए की जो अब 2500 करोड़ के उपर जा पहुंची योजना का काम ठेकेदार (Contractor) द्वारा कछुआ के गति से जारी है। इस पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड (Union Minister of State for Finance Dr. Bhagwat Karad) और राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने सख्त नाराजगी जताते हुए ठेकेदार को काम में गति लाकर फरवरी 2024 तक योजना का काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों को भी ठेकेदार के खिलाफ सख्त रवैय्या अपनाकर काम में गति लाने पर जोर दिया। 

    महानगरपालिका मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री डॉ. भागवत कराड के अध्यक्षता में और राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे के प्रमुख उपस्थिति में शहर की नई पेयजल योजना का काम का जायजा लेने के लिए शनिवार को एक विशेष बैठक संपन्न हुई। बैठक में महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा महानगरपालिका के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में इस योजना के काम ली हैदराबाद की जीवीपीआर कंपनी के अधिकारी ने योजना का काम तय की गई रकम में पूरा होगा या नहीं, यह जवाब बैठक में देते ही डॉ. कराड भड़क उठे। उन्होंने एमजीपी के अधिकारियों को सख्त चेतावनी में कहा कि इस ठेकेदार को तय समय पर काम न होने पर नोटिस दे। ताकि, हम उस कंपनी के काम पर कोई कड़ा एक्शन ले सके। 

    …और तीन साल नहीं होगी योजना 

    योजना के काम में गति न आने से नाराज डॉ. कराड ने साफ कहा कि कछुआ के गति से अगर इस योजना का काम जारी रहा तो मार्च 2025 तक भी योजना का काम पूरा नहीं होगा। उन्होंने जायकवाडी बांध में पानी के निकास के लिए जरुरी जैकवैल के काम पर भी एमजेपी और ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगा। तब बैठक में उपस्थित जायकवाडी के कार्यकारी अभियंता प्रशांत जाधव ने बताया कि जैकवैल के काम के लिए जायकवाडी बांध से निचे के छोटे बांधों में पानी छोड़ने की जरुरत नहीं है। वर्तमान में जायकवाडी बांध 97 प्रतिशत भरा हुआ है। आगामी दो से तीन महीने में और 10 से 12 प्रतिशत पानी का स्तर कम होने के बाद जैकवैल का काम करना आसान होगा। इस पर डॉ. कराड ने एमजेपी के अधिकारियों को जल्द से जल्द जैक वैल का काम शुरु करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जैक वैल के काम के लिए मुंबई में तज्ञों की एक टीम भी आएगी। उसके बाद उक्त कार्य का डीपीआर तैयार कर आगामी 10 दिन में जैकवैल का काम शुरु करने के निर्देश केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने दिए। उन्होंने इस योजना को लेकर गत महीने ली गई बैठक में ठेकेदार और अधिकारियों ने जो आश्वासन काम के बारे में दिए थे, उसमें गति न आने को लेकर भी कड़ी नाराजगी जतायी और चेताया कि कुछ भी कर काम में गति लाए। डॉ. कराड ने एमजेपी अधिकारियों को योजना का काम जैसे जैसे पूरा होगा, उतना पेमेंट ठेेकेदार को अदा करने के भी निर्देश दिए। 

    पाइप लाइन बिछाने पर भी नाराज हुए मंत्री 

    नई पेयजल योजना के लिए जायकवाडी बांध से शहर के नक्षत्रवाडी तक करीब 39 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाने का काम ठेकेदार द्वारा जारी है। हर दिन 180 मीटर की पाइप लाइन ठेकेदार द्वारा बिछाई जानी चाहिए थी। परंतु, वर्तमान में सिर्फ 60 मीटर ही पाइप लाइन बिछाई जारी है। योजना के लिए जारी 5 महत्वपूर्ण कामों में से 4 काम ठेकेदार द्वारा कछुआ के गति से जारी है। इस पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने चिंता जताते हुए साफ कहा कि यह योजना तय समय में पूरा होना जरुरी है। शहरवासी सालों से पानी के लिए तरस रहे है। ऐसे में जीवन प्राधिकरण ने इसी ठेकेदार से तय समय में काम पूरा कराकर लेने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है। साथ ही शहर में जल्द से जल्द 10 टंकियों का निर्माण करने के भी निर्देश डॉ. कराड ने दिए। 

    पुरानी योजना को बेहतर बनाने में खर्च होंगे 193 करोड़  

    शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाली 700 एमएम की पुरानी योजना को बेहतर बनाने के लिए नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। उसके लिए राज्य सरकार ने 193 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। महानगरपालिका के कार्यकारी अभियंता काजी ने इस योजना के लिए जल्द से जल्द टेंडर निकालने की परमिशन मंत्री से मांगी। इस पर जल्द निर्णय लेकर टेंडर निकालने के निर्देश केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. कराड ने दिए। पुरानी योजना को बेहतर बनाने नई पाइप लाइन बिछाई गयी तो शहर में बड़े पैमाने पर पेयजल समस्या हल होने का दावा अधिकारियों ने किया। बता दे, कि शहर में 1975 में निर्माण की गई 700 एमएम और 1992 में निर्माण की गई 1200 एमएम वाली पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। यह दोनों पाइप लाइन योजना जर्जर हो चुकी है।