Aurangabad will be seen in new form in 2022: Aastik Kumar Pandey

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    औरंगाबाद : शहर (City) में कचरा (Garbage) उठाने वाली पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी (P. Gopinath Reddy company) में कचरा उठाने का काम करने वाले कामगारों के वेतन वृध्दि को कंपनी ने हरी झंडी (Flagged Off) दिखाई है।  उसके तहत गत तीन साल से कंपनी (Company) में काम कर रहे कामगारों को 1600 रुपए, दो साल से काम कर रहे है कामगारों को 1100 और एक साल से काम कर रहे कामगारों को 700 रुपए वेतन वृध्दि देने के लिए हामी भरी है। कंपनी के अधिकारियों ने कचरा चूनते समय कामगारों द्वारा जमा किया जा रहा भंगार बाहर न बेचने की इजाजत  न होने की शर्त डाली है। 

    गौरतलब है कि गत सप्ताह शहर में कचरा उठानेवाली पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी के 1171 कामगारों ने किमान वेतन देने की मांग को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन के प्रथम दिन ही शिवसेना जिला प्रमुख और विधायक अंबादास दानवे ने कामगार संगठन के पदाधिकारियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर शिवजयंती पर शहर में गंदगी ना रहे, इसलिए आंदोलन स्थगित कर किमान वेतन वृध्दि पर 21 फरवरी को विशेष बैठक लेने का आश्वासन दिया था। उस आश्वासन के तहत सोमवार को महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय के अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में कंपनी के अधिकारी मुरलीधर रेड्डी, विधायक अंबबादास दानवे, कामगार शक्ति संगठन के अध्यक्ष गौतम खरात, शहर अभियंता सखाराम पानझड, उपायुक्त सौरभ जोशी, उपायुक्त संतोष टेंगले  प्रमुख रुप से उपस्थित थे।

    बैठक में कंपनी के अधिकारी मुरलीधर रेड्डी ने बताया कि कचरा जमा करते समय हर दिन बड़े पैमाने पर भंगार जमा होता है। यह भंगार कामगार जमाकर खुद ही बेच रहे है। जिससे कचने का वजन कम होकर कंपनी का बड़े  पैमाने पर नुकसान होकर महानगरपालिका से कम राशि मिल रही है। कंपनी ने चेताया कि जो भी कामगार भंगार बेचते हुए पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक में महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने कामगारों को न्यूनतम वेतन देने के लिए आगामी 6 माह में  एक रोड  मैप बनाने की सूचना की। वहीं, पुणे, ठाणे, नागपुर में कचरा संकलन का काम कैसा किया जाता। कामगारों का वेतन कितना, इसका अभ्यास कर एक रिपोर्ट पेश करने की सूचना कमिश्नर पांडेय ने उपायुक्त सौरभ जोशी को की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपायुक्त जोशी ने कहा कि रेड्डी कंपनी ने कामगारों का वेतन वृध्दि करने का निर्णय लिया है। कंपनी के अधिकारियों का कहना था कि अगर कंपनी द्वारा कामगारों को न्यूनतम वेतन दिया गया तो कंपनी का दिवाली निकलेगा।