100%  रबी धान फसल क्षति की संभावना, आपातकालीन लोडशेडिंग के खिलाफ तीव्र रोष

100% Rabi Paddy Crop Damage Potential, Intense Fury Against Emergency Loadshedding

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    लाखांदूर: बिजली निर्माण के तुलना में बिजली की मांग दुगुनी होने से बिजली कंपनी के तहत लगातार 3 दिन से आपातकालीन लोडशेडिंग की जा रही है.जिससे इस वर्ष रबी के तहत खेतों में  लगाए गए धान फसल 100 प्रश्न नष्ट होने की संभावना को लेकर आपातकालीन लोडशेडिंग के खिलाफ किसानों में तीव्र रोष व्यक्त किया जा रहा है.

    विभिन्न बिजली कार्यालयों में लगातार आंदोलन 

    इस वर्ष रबी फसल सिंचाई के लिए कृषि बिजली पंपों को कुल 8 घंटे बिजली आपूर्ति तय की गई है.किंतु पिछले 3 दिन से लगातार तहसील के विभिन्न क्षेत्र के कृषि बिजली पंपों को केवल 2 घंटे बिजली आपूर्ति होने से किसानों में आक्रोश भडका है.

    इस बीच रबी धान फसल नष्ट होने की संभावना से किसानों ने लगातार दूसरे दिन 8 अप्रैल को तहसील के विरली(बु) बिजली कार्यालय,परसोडी/नाग बिजली उपकेंद्र ,लाखांदूर बिजली कार्यालय व बारव्हा बिजली कार्यालय में  रबी धान उत्पादक किसानों ने आंदोलन किया है.

    विधायक पटोले के निवास पर  ठिय्या आंदोलन 

    पिछले 6 अप्रैल से 8 अप्रैल तक लगातार 3 दिन से स्थानीय लाखांदूर तहसील के विभिन्न क्षेत्र के कृषि बिजली पंपों को 8 घंटे की जगह केवल 2 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. हालांकि उक्त बिजली आपूर्ति आपातकालीन लोडशेडिंग के कारन होने की जानकारी दी गई है.

    इस स्थिति में रबी के तहत बुआई हुए धान फसल नष्ट होने की चिंता में फसल सिंचाई के लिए नियमित 8 घंटे बिजली आपूर्ति करने की मांग को लेकर तहसील में विभिन्न स्थानों पर आंदोलन शुरू है.इस बीच तहसील के बारव्हा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने कृषि बिजली पंपों को नियमित 8 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर विधायक पटोलें के निवास स्थान पर ठिय्या आंदोलन शुरू करने की जानकारी मिली है.

    सुखने लगी है रबी फसल 

    इस वर्ष रबी के तहत तहसील के लगभग 6,000हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुआई जबकि सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी भाजी फसलें लगाई गई है.उक्त फसलें कृषि बिजली पंप सिंचाई सुविधा के तहत लगाए जाने की जानकारी है.किंतु पिछले 3 दिनों से आपात कालीन लोडशेडिंग के कारण फसलों की सिंचाई नही होने से जमीन में दरार पड़ी है. जिससे तहसील के सैकडो हेक्टेयर क्षेत्र की रबी धान फसल सूखने का आरोप लगाया गया है.इस स्थिति में किसानों को बड़ी मात्रा में आर्थिक नुकसान होने की संभावना को लेकर सभी ओर आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है.