Water Crisis
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भंडारा. पानी की कमी से निपटने के लिए हर वर्ष तीन चरणों में एक कार्य योजना बनाई जाती है. पहले चरण में जनवरी-मार्च, दूसरे चरण में अप्रैल-जून और तीसरे चरण में अक्टूबर-दिसंबर की तैयारियां की जाती है. भूगर्भ जल सर्वेक्षण विभाग की ओर से तैयार योजना पर फीडबैक लिया जाता है. फिर संभागीय आयुक्त के हस्ताक्षर से इसे अंतिम रूप दिया जाता है. इस बीच इस वर्ष की कार्ययोजना के तीसरे चरण को 15 जनवरी को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया है. वास्तव में काम अभी भी शुरू नहीं हुए है. इस कार्य योजना के अनुसार 340 गांवों में 472 कार्य किए जाएंगे और इसके लिए 3 करोड़ 23 लाख 56 हजार रुपये खर्च होने का अनुमान है.

भंडारा जिले में गोसी खुर्द परियोजना सहित विभिन्न बड़े, मध्यम एवं छोटे-छोटे प्रोजेक्ट हैं. इस साल कम बारिश होने के कारण जिले में जल भंडार निचले स्तर पर पहुंच गए है. वर्तमान में अनेक जलाशयों में जलस्तर आधे पर आ गया है. गर्मी के दिनों में कई गांवों में पानी की कमी हो जाती है. किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता. इस वर्ष जिले में कम बारिश हुई है. कुछ इलाकों में पानी की कमी है, इसके बावजूद टैंकर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती.

केंद्र सरकार की ओर से जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर जलजीवन मिशन योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इस बार कुछ जलापूर्ति योजना का कार्यान्वयन संभाव हैं. ये योजनाएं पानी की कमी को दूर करने में योगदान देंगी. जिले के प्रत्येक गांव की मांग के अनुसार गर्मियों में संभावित पानी की कमी को दूर करने का प्रयास जिला प्रशासन करता है. इसके तहत योजना बनाकर कलेक्टर का अनुमोदन लेना होता है. इसमें टैंकर, अस्थायी नल योजना, पानी के लिए निजी कुओं का अधिग्रहण, सरकारी कुओं से गाद निकालना और अन्य उपाय किए जाते है.

3 करोड़ खर्च होने की उम्मीद

जल संकट पर अप्रैल से जून 2024 तक प्रस्तावित कार्य योजना ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से तैयार की गई है. इसमें प्लंबिंग मरम्मत के 35 कामों पर 70 लाख खर्च होंगे. इंधन वेल्स 117 कार्य, लागत 175.50, कूप नलिका के 7 कार्य, लागत 11 लाख 90 हजार, इंधन कूप मरम्मत 256 कार्य, लागत 40 लाख 90 हजार, कुआं खुदाई 53 कार्य, लागत 21 लाख 20 हजार, निजी कुओं के अधिग्रहण की संख्या 4 ऐसे कुल 472 कार्यों पर 3 करोड़ 23 लाख 56 हजार रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसमें विभिन्न कार्य प्रस्तावित किये गये हैं. इसमें विशेषकर इंधन कुओं की संख्या तथा उनकी मरम्मत कार्य में वृद्धि करने पर जोर दिया जाएगा.

व्यय बजट बढ़ा

2022-23 में अप्रैल से जून तक 3 महीने के दौरान 140 उपायों पर 84 लाख 27 हजार रुपये का खर्च हुआ था. इसमें भंडारा 25, साकोली 26, लाखनी 14, मोहाड़ी 20, तुमसर 26, पवनी 14, लाखांदूर तहसील के 9 गांव शामिल हैं. इस बीच, इस वर्ष वर्षा में कमी और जल संसाधनों की कमी के कारण गर्मियों में संभावित जल संकट को ध्यान में रखते हुए उपायों के लिए लागत बढ़ गई है.

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