लाखांदूर. सरकार के रमाई आवास योजना के तहत 2 वर्षों से अनुदान उपलब्ध नहीं होने के कारण तहसील के करीब 300 घरकुलों का निर्माण कार्य रूका हुआ है. घरकुल के अधूरे निर्माण कार्य के कारण कई परिवार खुले में आ गए है.
309 को मिली थी मंजूरी
प्राप्त जानकारी अनुसार लाखांदूर तहसील में सरकार के रमाई आवास योजना के तहत 2018-19 एवं 2019-20 में लगभग 171 एवं 138 समेत कुल 309 घरकुल मंजूर किए गए थे. करीब 1 लाख 48 हजार रु. कीमत की इस योजना के मंजूर होते ही लाभार्थियों ने अपने पुराने मकान को गिराकर नया घरकुल बनाना शुरू कर दिया. यह लाभार्थी नए मकान का निर्माण कार्य पूर्ण होने तक अस्थाई निवास के लिए झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रह रहे हैं, किंतु करीब 2 वर्षों से झोपड़ी में गुजारा करनेवाले इन परिवारों को धूप, बारिश का सामना करना पड़ रहा है.
परेशानी में कई परिवार
निधि के अभाव से अटके घरकुल के कारण कई परिवारों को परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ सरकार ने अनुसुचित जाति एवं नवबौद्ध वर्ग के लाभार्थियों के लिए रमाई आवास योजना को अमल में लाया. हालांकि यह योजना मंजूर होकर आधा निर्माणकार्य होने के बावजूद भी अनुदान के अभाव से आगे का निधि नहीं दिए जाने से लाभार्थियों के सामने बड़ा सवाल निर्माण हुआ है.
विशेषता इस योजना का एक लाभार्थी तो घरकुल का अधुरा कार्य होने के कारण टूटी हुई झोपडी में परिवार के साथ निवास कर रहा है. जिससे सवाल निर्माण होता है कि बारिश में इस परिवार का क्या होगा. इस मामले में सरकार ने शीघ्र दखल लेकर अनुदान की कमी से अटके घरकुल निर्माण कार्य की समस्या का निराकरण करे ऐसी मांग पीड़ित लाभार्थियों ने की है.