Sand smuggling
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    पालांदूर . चुलबंद नदी के घाटो से बड़े पैमाने पर अवैध रेत तस्करी की जाती है, इस कारण घाटों के आसपास के रास्ते पूरी तरह से खस्ता हाल हो चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से आ रही बारिश के कारण चुलबंध नदी में पानी जमा हो गया है. नदी में पानी जमा होने से अवैध रेत तस्करों के ट्रैक्टर घाटों से बाहर नहीं निकलेंगे.

    साथ ही नदी पूरी तरह से भर जाने पर रेत बाहर निकालना मुश्किल होगा इस कारण अवैध तस्करी करने वालों ने पालांदूर और आजू बाजू के क्षेत्र में बड़ी संख्या में रेत के ढेर जमा करने शुरू कर दिए हैं। पालांदूर में ज्यादातर चुलबंध नदी के मरेगांव घाट से रेत तस्करी की जाती है, मरेगांव घाट पर बारिश से नदी में पानी जमा हो रहा है, इसलिए रेत तस्करों ने रेत का स्टॉक करना शुरू कर दिया है.

    रास्तों पर गांव की सड़कों पर सुनसान जगह पर बड़े पैमाने में रेत के ढेर दिखाई दे रहे हैं. लोगों द्वारा चर्चा की जा रही है कि रेत के ढेर हमको दिखाई देते हैं, लेकिन राजस्व प्रशासन के अधिकारियों को यह रेत के ढेर दिखाई नहीं देते हैं क्या ?  अवैध रेत तस्करी के कारण सरकार का लाखों रुपए का राजस्व डूब गया है फिर भी कोई प्रशासन इनके ऊपर कार्रवाई करते हुए नहीं दिखाई देता.

    पालांदूर के सभी रास्ते खस्ताहाल

    अवैध रेत तस्करी के कारण पालांदुर और क्षेत्र के गांव के रास्ते पूरी तरह से गड्ढों से घिरे हुए हैं गड्ढों को देखकर यह लगता है कि रास्ते में गड्ढा है या गड्ढों में रास्ता, लोगों को इस कारण जाने-आने को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रास्ते से जाते वक्त अचानक गड्ढा सामने आने के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही है.

    रास्तों के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं निर्माण हो रही है,  उनके वाहन खराब हो रहे हैं.  रेत तस्करी के कारण पालांदूर और उसके आसपास के क्षेत्रों के रास्ते पूरी तरह से खस्ता हाल हो चुके हैं. एक भी रास्ता अच्छा नहीं बचा है कि जहां से लोग जा सके, इसलिए लोगों द्वारा यह मांग की जा रही है कि अवैध रेत तस्करी बंद कर दी जाए.