भंडारा. जिले के किसान खरीफ की बुआई के मौसम के लिए तैयार है, लेकिन बीज और रासायनिक खाद की बढती कीमतें किसानों के लिए सिरदर्द बन गई है. ऐसे में किसान परेशान नजर आ रहे है. जिले के कुछ तहसील में पूर्व खेती मशागत वर्तमान में अपने अंतिम चरण के करीब है और जैसे-जैसे मौसम नजदीक आ रहा है, किसान बीज और रासायनिक उर्वरकों की बुआई की योजना बना रहे है. जरूरत के हिसाब से बीज के साथ-साथ रासायनिक खाद खरीदते समय किसान लगभग असमंजस में नजर आते दिखाई दे रहे है.
रासायनिक खाद के दाम आसमान छूने से किसानों की आर्थिक स्थिति में मुश्किलें बढती जा रही है. एक तरफ कृषी विभाग ने किसानों से बुआई के लिए घर में उगाए गए बीजों का इस्तेमाल करने की अपील कर रहा है. लेकिन पिछले वर्ष के खरीफ सीजन में जब फसल की कटाई की जा रही थी, तो वापसी की बारिश ने जो भारी नुकसान किया था, उसमें फसल को नष्ट कर दिया था. कुछ परिसर में बारिश अच्छी हुई थी.
नतीजतन बीज की अंकुरण क्षमता आवश्यकता के अनुसार कम हो गई है. ऐसे में घर के बीज बुआई के लिए फायदेमंद साबित होंगे क्या? ऐसा सवाल किसानों द्वारा उठाया जा रहा है. जैसे-जैसे मानसून करीब आ रहा है, किसान इस वर्ष संतोषजनक बारिश के साथ अच्छी फसल पाने का सपना देख रहे है.