लाखांदूर. लाखांदूर व अर्जुनी मोर. तहसील के चारभट्टी-कोरंभी जंगलक्षेत्र के रेल पटरी से रात के दौरान जा रहे पट्टेदार बाघ को गोंदिया से बल्लारशा जा रही तेजगती ट्रेन ने टक्कर मारी. इस दुर्घटना में लगभग 6 वर्ष आयु के पट्टेदार बाघ की घटनास्थल पर ही मृत्यु हुई. हालांकि उक्त घटना 11 जून को सुबह 8 बजे के दौरान सामने आयी है.
रात के दौरान दुर्घटना होने का अनुमान
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय लाखांदूर व अंतरजिले के अर्जुनी/मोर. तहसील के सिमावर्ती जंगल क्षेत्र से गोंदिया से बल्लारशा रेल मार्ग का निर्माण किया गया है. हालांकि इस रेल मार्ग के परिसर में सिमावर्ती घना जंगल होने से इस क्षेत्र में बडी मात्रा में जंगली प्राणियों का संचार होने की जानकारी दी गई है.
इस बीच घटना के एक दिन पुर्व रात के दौरान जंगल में शिकार की खोज में सिमावर्ती जंगल के रेल पटरी पर पहुंचे पट्टेदार बाघ को गोंदिया से बल्लारशा जा रही तेज गती ट्रेन का अनुमान नहीं होने की चर्चा है. जिसके कारण तेजगती ट्रेन की बाघ से टक्कर होकर जगह पर ही मृत्यु होने की जानकारी दी गई है.
रेल कर्मियों ने दी दुर्घटना की जानकारी
बताया गया की घटना के अगले दिन 11 जून को सुबह के दौरान कुछ रेल कर्मी व मजदूर तहसील के चारभट्टी-कोरंभी के जंगल क्षेत्र के रेल पटरी के जांच के लिए सुबह के दौरान पहुंचने पर उन्हे रेल पटरी के नजदीक पट्टेदार बाघ का शव नजर आया. इस दौरान रेल कर्मियों ने तुरंत घटना की जानकारी स्थानीय अर्जुनी/मोर. के वनपरीक्षेत्र कार्यालय को दी.
जिसके तहत अर्जुनी के वनाधिकारी व कर्मियों ने घटनास्थल पहुंचकर पंचनामा व पोस्टमार्टम कर बाघ का अंतिम संस्कार करने की जानकारी दी गई है.
लाखांदूर के जंगल क्षेत्र में कई बार दर्शन
प्राप्त जानकारी के अनुसार लाखांदूर व अर्जुनी/मोर. तहसील के सिमावर्ती जंगल क्षेत्र के चारभट्टी कोरंभी जंगल के रेल पटरी पर ट्रेन की टक्कर में मृत बाघ के स्थानीय लाखांदूर वनपरीक्षेत्र के विभिन्न जंगल क्षेत्र में कई बार दर्शन हूए थे. हालांकि लगातार लाखांदूर वनपरीक्षेत्र के विभिन्न जंगल क्षेत्र में पाए गए इस बाघ को स्थानीय वनविभाग के तहत लाखांदूर टायगर के नाम से पहचाना जाता था.
लगभग 6 वर्ष आयु व 180 किलो वजनी लाखांदूर टायगर के ट्रेन की टक्कर में मृत्यु की खबर मिलते ही तहसील के वनकर्मीयों सहित नागरिकों में नाराजगी व्यक्त की गई.
विभिन्न अधिकारी व पदाधिकारीयों की उपस्थिति
चारभट्टी-कोरंभी जंगल क्षेत्र के रेल पटरी पर पट्टेदार बाघ की मृत्यु होने की जानकारी मिलते ही इस क्षेत्र के हजारों नागरिकों ने घटनास्थल पर भीड की थी. हालांकि अर्जुनी/मोर. वनविभाग अधिकारी कर्मियों ने भीड नियंत्रीत कर नियमानुसार बाघ के शव का पंचनामा, पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार किया गया.
इस दौरान अर्जुनी /मो. के वनपरीक्षेत्र अधिकारी खोब्रागडे, लाखांदूर के वनपरीक्षेत्र अधिकारी रुपेश गावित, तहसीलदार वैभव पावार, जिप सदस्य प्रतिक उइके, प्रियंक बोरकर, कॉन्ट्रक्टर राकेश गहाने सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी व सैकडो नागरिक उपस्थित थे.