प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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भंडारा. जवाहरनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाला तहसील के शाहपुर के पास गोपेवाड़ा गांव मुर्गों की लड़ाई के लिए प्रसिद्ध हो गया है. यहां के मुर्गा बाजार में लाखों रुपये का जुआ खेला जाता है.

प्राप्त जानकारी अनुसार इस गांव को जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी ने गोद ले रखा है. गोपेवाड़ा गांव में अभ्यास एवं प्रतियोगिता मार्गदर्शन केंद्र पुलिस अधीक्षक के माध्यम से चलाया जाता है. कई होनहार और अध्ययनशील युवक-युवतियां यहां पढ़ रहे हैं और सेना, पुलिस बल और सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा पुलिस विभाग द्वारा गांव में सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए रचनात्मक गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं. वहीं कुछ लोग गांव के वातावरण को प्रदूषित कर रहै हैं. यहां प्रत्येक बुधवार एवं रविवार को मुर्गों का बाजार लगता है. इन मुर्गों की लड़ाई पर कई लोग बोली लगाते हैं. इसमें लाखों रुपये का जुआ का खेल चलता है.

4 लोगों को हिरासत में लिया

रविवार को भंडारा मुख्यालय में अपराध जांच विभाग के चार कर्मचारी मोटरसाइकिल से पिपरी पुनर्वास और शाहपुर में गौ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने गए थे. हालांकि, उन्हें कुछ नहीं मिला. शाहपुर इलाके में दौरे के दौरान गोपेवाड़ा परिसर में एक घर के बगल में 8 से 10 मुर्गें बंधे हुए दिखे. पुलिस के पहुंचते ही कुछ जुआरी भाग गये. पुलिस ने मुर्गे, पांच मोटरसाइकिल जब्त कर लिया और चार लोगों को हिरासत में लिया है.