Zilla Parishad Schools
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भंडारा. कम संख्या वाले विद्यालयों का समायोजन स्कूली शिक्षा की ओर से समूह विद्यालयों में करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने मांगा था. जि.प. शिक्षा विभाग ने अपने हिसाब से सारी जानकारी जुटाई. 20 से कम संख्या वाले 19 स्कूलों को समूह स्कूल में तब्दील करने का प्रस्ताव शिक्षा निदेशक को भेजा गया. अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है. जिले की भौगोलिक संरचना के साथ-साथ स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर विरोध, शिक्षक संघ, अभिभावक संघ की आक्रामक भूमिका के कारण जिले में समूह विद्यालय योजना अभी तक लागू नहीं हो सकी है. जिले में 20 संख्या से कम स्कूलों की जानकारी शिक्षा विभाग ने संकलित की थी. इसमें करीब 19 स्कूल पाए गए. शिक्षा निदेशक कार्यालय को इस जानकारी का प्रस्ताव दे दिया गया. इसमें बताया गया कि 19 स्कूलों को समूह स्कूल में तब्दील किया जा सकता है. हालांकि, जिला परिषद, स्कूल प्रबंधन समितियों और जन प्रतिनिधियों ने समूह स्कूलों के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है.

समूह विद्यालय क्या है

जो कई स्कूलों के छात्रों को एक साथ लाता है, उसे समूह विद्यालय कहा जाता है. कम स्कूलों की संख्या वाले क्षेत्र से कुछ दूरी पर एक इंटरमीडिएट स्कूल का चयन किया जाता है और छात्रों को उस स्कूल में शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. वे विद्यार्थी अपने गांव से इस विद्यालय में पढ़ने आते हैं.

कम नामांकन वाले स्कूल

तहसीलवार कम नामांकन वाले स्कूलों की संख्या 19 है. इसमें स्कूल और उसके छात्रों की संख्या इस तरह है. भंडारा तहसील में जिप प्राथ. विद्यालय येटेवाही 5, चिचोली 6, मोहाड़ी तहसील में जिप प्राथमिक स्कूल मोहगांव देवी 2, दवड़ीपार 2, तुमसर तहसील में जिप प्राथ. विद्यालय स्टेशन टोली 2, लाखनी तहसील में जि.प. प्राथ. विद्यालय इंदिरानगर केसलवाड़ा वाघ 11, धानला 6, सोनेखारी 10, खैरी 18, कवडसी 17, साकोली तहसील में किटाडी 13, येडगांव 8, नवीनपुर होली 12, लाखांदूर तहसील में विहिरगांव 9, पवनी तहसील  में महालगांव 5, बोरगांव खुर्द 5, ठानेगांव 2, पालोरा 3 का समावेश है. समूह विद्यालयों में वाकेश्वर ठाना, मोहगांव देवी, करडी, देवाड़ी, केसलवाड़ा वाघ, खराशी, सोमनाला, पिंपलगांव, जेवनाला, गिरोला, सालेबर्डी, पलासपानी, टेंभरी, आमगांव, खांबड़ी, भुयार, पलोरा चौरास इन गांवों का समावेश है.

माता-पिता का विरोध

ग्रामीण अपने बच्चों को दूसरे स्थानों पर भेजने की अनुमति चाहिए. माता-पिता उन्हें गांव के स्कूल के अलावा अन्य स्थानों पर भेजने के सख्त खिलाफ थे. समूह स्कूलों को जिले की स्कूल प्रबंधन समिति की अनुमति की आवश्यकता होती है. लेकिन स्कूल प्रबंधन समितियां भी समूह स्कूलों को मंजूरी देने के मूड में नहीं हैं. इसलिए ये मुद्दा गरमा गया है. ऐसे कई तरीके पहले भी आजमाए जा चुके हैं. हालांकि, यह योजना क्रियान्वित नहीं हो सकी.

छात्रों को नजदीकी स्कूल में भेजा जाता

जिले में कम संख्या के 19 स्कूल हैं. समूह स्कूल के संबंध में प्रस्ताव शिक्षा निदेशक कार्यालय को सौंप दिया गया है. इस संबंध में शासन स्तर से निर्णय लिया जाएगा. अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है. 2 या 3 छात्र संख्या वाले विद्यालय के छात्रों को नजदीकी स्कूल में भेजा जाता है. इसके लिए उन्हें 500 रुपये का यात्रा भत्ता दिया जाता है.

-रवींद्र सोनटक्के, शिक्षा अधिकारी, प्राथमिक, भंडारा