तुमसर. बावनथडी (राजीव सागर) परियोजना के अनेक नहरों की हालत खस्ता होने, जगह-जगह फुटने एवं नहर की मरम्मत नहीं होने से इस वर्ष सैकड़ों किसानों की खेती पानी की कमी के कारण सिंचाई से वंचित रहेंगी. संबंधित नहरे गत मानसून से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है. जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हैं, इससे पानी भारी मात्रा अपव्यव होता है.
आंबागड़ से हरदोली की ओर जाने वाले मार्ग पर पुलिया के पास नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे आने जाने वाले वाहन चालकों को हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है. इस बारे में किसानों द्वारा परियोजना के अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद उनके द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे खरीफ सीजन में किसानों का भारी नुकसान होगा. साथ ही नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से नहर के अंतिम छोर तक परियोजना का पानी नहीं पहुंचेंगा.
इससे इस वर्ष किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि पर रोपाई नहीं हो सकेंगी. संबंधित शाखा अभियंता को इसकी जानकारी देने पर उनका कहना हैं कि सभी नहरें दुरुस्त हैं तो दूसरी ओर नहर में पड़ी बड़ी-बड़ी दरारें एवं कुछ जगहों पर नहर फुटने का नजारा उन्हें क्यों नहीं दिखाई दे रहा है. पिछले मानसून से इस गर्मी तक नहर पेड़ों, झाड़ियों एवं घास से ढकी हुई है. बावनथडी के अधीक्षक, शाखा अभियंता, अधिकारी एवं कर्मचारी केवल कागज के एक टुकडों पर घोडे दौड़ाने में व्यस्त रहते हैं.
उन्हें किसानों की शिकायतों से कोई लेना-देना नहीं है. अभी खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है, जब किसान खेती करने व बीज बोने के लिए तैयार दिखाई देते हैं, संबंधित विभाग द्वारा जब गर्मी के दिनों नहर की मरम्मत नहीं की गई थी, तब वे बारिश में नहर की मरम्मत करेंगे क्या यह सवाल किसानों पूछा जा रहा है, निकट भविष्य में अधिकारी व कर्मचारियों को सिंचाई से वंचित किसानों के असंतोष का सामना करना पड़ेगा. इसमें कोई शक नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता लिलाधर मेश्राम, अरविंद भूतांगे, सुनील चौधरी एवं अन्य ग्रामीण व किसानों ने तत्काल नहर की दुरुस्ती कर नहर के शुरुआत से लेकर अंतिम छोर तक के किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने एवं सड़क किनारे का गड्ढा बुझाने की मांग की गईं है.