नाकाडोंगरी में 6 दिनों बाद जलापूर्ति, जल जीवन मिशन ने बढ़ाया ग्राम पंचायतों का टेंशन

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गोबरवाही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रकल्प जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक हर घर में नल के माध्यम से स्वच्छ पानी पूर्ति का टारगेट रखा गया है. योजना अच्छी है. आम जनता में खुशियां भी है. प्रधानमंत्री ने इस योजना के लिए हर गांव में फंड भी आवंटित कर दिया है. गांव- गांव में शासकीय मशीनरी ने कार्य की शुरुआत भी कर दी है.

इस कार्य के लिए गांव-गांव में प्रशासन की ओर से ठेकेदार भी नियुक्त किए जा चुके हैं. जेसीबी लगाकर अच्छे बने बनाए सीमेंट रोड, सीमेंट नालिया तोड़कर खुदाई के काम किए जा रहे हैं. नई नालियां खोदी जा रही हैं. इस कारण ग्राम पंचायत प्रशासन का टेंशन बढ़ गया है. क्योंकि नाकाडोंगरी में पाइप लाइन लीकेज होने से कुछ दिनों से जलापूर्ति नहीं हो रही थी. सातवें दिन आज पीने का पानी मिला. चिखला में भी दो तीन दिनों बाद पानी आ रहा है.

शहरों से निगरानी

जेसीबी के माध्यम से खनन कार्य करने से पुरानी बिछाई गई पाइप लाइन जगह-जगह से फूट रही है. जिसके कारण नागरिकों को 7- 8 दिनों तक पीने का पानी नहीं मिल रहा है. नाकाडोंगरी, चिखला, राजापुर, सीतासावंगी, सुंदरटोला, गोबरवाही, गणेशपुर टोली में जल जीवन मिशन का काम शुरू है. ग्राम पंचायत की सड़कें, नालियां टूटने के कारण जहां नागरिकों में नाराजी है. वही ग्राम पंचायत का टेंशन बढ़ गया है. जिला परिषद या संबंधित शासन के विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शहरों में रहते हैं. गांव देहातों में लोगों पर क्या गुजर रही है, वे क्या जाने. आवश्यकता इस बात की है कि उन्होंने गांव में जहां काम चल रहा है, उस कार्यस्थल पर निगरानी कर ठेकेदार को योग्य मार्गदर्शन देकर काम करवाना चाहिए.

बेहतर मरम्मत पर नहीं जोर

प्राप्त जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के अंतर्गत जो कार्य किए जा रहे हैं, यदि उसमें ग्राम पंचायत या किसी नागरिक की कोई हानि होती है तो एस्टीमेट में उसे बेहतर तरीके से मरम्मत करने का भी प्रावधान है, परंतु क्या, संबंधित ठेकेदार नियम के अनुसार काम कर रहे है या नहीं? इस पर संबंधित विभाग की नजर होनी चाहिए. जानकारी के अनुसार देहातों में जो जल जीवन मिशन के अंतर्गत काम हो रहे हैं. वह महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और भंडारा जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग के नियंत्रण में हो रहे हैं. करोड़ों रुपए खर्च कर किए जा रहा जल जीवन मिशन के कार्य का विवरण हर गांव में सूचन फलक पर प्रकाशित करने की आवश्यकता है, ताकि नागरिकों को सही जानकारी मिल सके. परंतु ऐसे कोई फलक गांव में नहीं लगाए गए है.