फाइल फोटो
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    बुलढाना. पिछले 9 माह में जिले में करीब 172 किसानों ने आत्महत्या करने की जानकारी मिली है. जिनमें से केवल 34 किसानों को ही सरकार की ओर से सहायता प्रदान की गई है. जबकि 68 किसानों के परिवार को सहायता के लिए अपात्र घोषित किया गया है. जिससे आत्महत्या ग्रस्त किसानों के परिवार में नाराजगी देखी जा रही है. 

    प्रकृति के रवैए से किसानों पर संकट आ रहे है. कभी अधिक बारिश तो कभी बिल्कुल ही बारिश नहीं होने से किसानों की फसलें सूख जाती है. कोरोना संक्रमण के पश्चात लगातार किसानों पर संकटों की श्रृंखला चल रही है. इस साल हुई जोरदार बारिश के कारण कई जगहों पर किसान अपनी फसलों से हाथ धो बैठे हैं. कहीं कर्ज से तंग आकर किसान ने आत्महत्या कर ली है.

    किसानों की आत्महत्या का यह सिलसिला अभी भी जारी है. जिले में पिछले 9 माह में 172 किसानों ने आत्महत्या की है. सरकार की ओर से आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को एक लाख रुपए मदद के रूप में प्रदान किए जाते है. किंतु सरकारी नियम के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को सरकारी मदद से वंचित रहना पड़ रहा है.

    जिले में 172 किसान परिवारों में से 138 किसानों के परिवार अभी भी सहायता की प्रतीक्षा में है. किसान आत्महत्या के पश्चात सरकार की ओर से घटना का पंचनामा कर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है. जहां जांच के बाद पात्र किसानों को सरकार की ओर से 1 लाख की मदद प्रदान की जाती है. किंतु लाल फीता शाही में उलझे मामलों में इस साल केवल 40 प्रश किसानों को ही सरकारी मदद मिली है.

    जनवरी 2022 से अब तक जिले में किसान आत्महत्याएं

    किसान आत्महत्या – 172

    पात्र आत्महत्या –       34

    अपात्र आत्महत्या – 68

    प्रलंबित मामले – 70

    प्रत्यक्ष रूप से मदद – 25