प्रतीकात्मक तस्वीर
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जलगांव जामोद. स्थानीय कृषि उपज मंडी में पणन महासंघ व्दारा कपास खरीदी केंद्र शुरू किया गया है. किंतु कृउबास कर्मियों की मनमानी से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि,

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जलगांव जामोद. स्थानीय कृषि उपज मंडी में पणन महासंघ व्दारा कपास खरीदी केंद्र शुरू किया गया है. किंतु कृउबास कर्मियों की मनमानी से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि, कृषि उपज मंडी के कर्मी और उनके साथी किसानों को छोड़ व्यापारियों की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इसलिए किसानों के कपास से लदे वाहन आठ-दस दिनों से मंडी में खड़े हैं. लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और व्यापारियों के वाहन कपास कैसी भी हो, कुछ भी आद्रता हो उनका माप तोल किया जा रहा है. इसी कारण से कई किसानों को वापस किया गया है. उनके कपास की आद्रता 12 प्रतिशत से अधिक है.

-दोहरी मार से किसान परेशान

किसानों की यह भी शिकायत है कि, ग्रेडर और कर्मियों को 250-300 रुपए दिए जाने पर कपास की कोई जांच नहीं होती है. और न ही आठ-दस दिनों तक वाहन मार्केट यार्ड में खडे रहते है. किंतु किसान पैसे नहीं देने से उन्हें या तो उनके कपास के नाप तोल के लिए राह देखनी पड़ती है. कपास खराब होने की बात कहकर वापस लौटाया जाता है. इस दोहरी मार से किसान परेशान है. एक ओर किसानों के प्रतिनिधि व पणन महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष किसानों के हित में बोलने के बजाए कृषि उपज मंडी के कर्मियों का पक्ष ले रहे है. यह आरोप भी लगाया जा रहा है.