10 दिनों में 2604 वनराई बांध का निर्माण, किसानों के लिए होगी संरक्षित सिंचाई की सुविधा

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    • जनसहयोग से जिले में पांच हजार बांध बनाने का लक्ष्य

    चंद्रपुर. किसानों को खरीफ के साथ रबी और ग्रीष्मकालिन फसल लेने की सुविधा हो और उनका उत्पन्न बढे, दो पैसे उनके हाथ में आये परिणाम स्वरूप किसानों का आर्थिक जीवनस्तर उंचा उठाने में मदद हो इस उद्देश्य से जिलाधिकारी अजय गुल्हाने की अभिनव संकल्पना से जिले में वनराई बांध यह मुहिम हाथ में ली गई है. इसके अंतर्गत केवल 10 दिनों में जिले में जनसहयोग से 2604 वनराई बांध बनाये जाएंगे.

    जिले में 5 हजार बांध बनाने का लक्ष्य है अब तक प्रत्येक दिन औसतन 260 के हिसाब से दस दिनों में 2604 बांध बनाये गए है. जिले में जनसहयोग से यह मुहिम ली गई है. इसमें स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनधि, नागरिक, विद्यार्थी, आदि का सहभाग है. बांध की जलसंग्रहण की क्षमता को देखकर प्रति बांध कम से कम 5 से अधिक से अधिक 25 एकड़ तक सिंचाई सुविधा हो सकती है.

    इसके चलते जिले में वनराई बांध के माध्यम से 40 से 45 हजार एकड़ पर सिंचाई निर्मिति होने में मदद होगी. जिले में कुओं की संख्या कम है और बोरवेल के लिए भी सीमा है. इसके चलते तुषार सिंचाई का लाभ जितना दिया जाना चाहिए उतना नहीं दिया सकता है. इसके चलते वनराई बांध के पानी का स्त्रोत हो तो किसान समूहों को तुषार सिंचाई का लाभ देने का निर्णय जिलाधिकारी के अध्यक्षता में समिति ने लिया है.

    जिले में अब तक चंद्रपुर तहसील में 210 बांध, बल्लारपुर 240, मूल 270, सावली 130, वरोरा 152, चिमूर 120, भद्रावती 145, नागभीड़ 180 , ब्रम्हपुरी 215, सिंदेवाही 157, राजुरा 245, गोंडपिपरी 210, पोंभूर्णा 120, कोरपना 140 जबकि जिवती में 70 ऐसे कुल 2604 वनराई बांध बनाये गए है.

    सरलता से बन जाते है वनराई बांध

    12 मीटर तक का वनराई बांध बनाने के लिए 700 से 800 खाली बोरे, घमेला, फावडा और प्रवाह के आसपास मिट्अी इतनी बातों की आवश्यकता होती है. निर्माणकार्य करते हुए भरी गई मिट्टी की थैली को रस्सी से सिलाई कर तैयार करना होता है. जिसे तरीके से रखकर बोरियों की तीन लाईन खडी करने की जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहब बरहाटे ने दी.