दो हफ्ते के भीतर कामगारों का वेतन कोर्ट में जमा करें, हाईकोर्ट का अधिष्ठाता को निर्देश

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    • डेरा आंदोलन की बड़ी सफलता

    चंद्रपुर. पिछले 16 महीने से चल रहे डेरा आंदोलन पर 22 जून को मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चंद्रपुर शासकीय मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डा. अशोक नितनावरे को दो सप्ताह (6 जुलाई) के भीतर ठेका कर्मियों का वेतन न्यायालय में जमा करने के निर्देश दिए है. इससे डेरा आंदोलन को बड़ी सफलता मिली है. एड. नीरज खंडेवाले ने हाई कोर्ट में आंदोलन कर रहे कामगारों का पक्ष रखा. 

    कोरेाना के बकाया वेतन के लिए जनविकास असंगठित श्रमिक संघ के अध्यक्ष पप्पू देशमुख के नेतृत्व में पीड़ित कार्यकर्ताओं का डेरा आंदोलन चंद्रपुर जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने चल रहा है. कई महीनों के बाद भी मेडिकल कॉलेज ने आंदोलनकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया है. आंदोलनकारी कर्मचारियों को बदलने के लिए नए कर्मचारियों की नियुक्ति की है. इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने चंद्रपुर औद्योगिक न्यायालय में अपील की थी.

    20 अप्रैल 2022 को चंद्रपुर के औद्योगिक न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिया कि आंदोलनकारी कामगारों को नए कर्मचारियों को बर्खास्त करके उन्हें वापस लिया जाए. व सभी कामगारों को बकाया वेतन 30 दिन के भीतर औद्योगिक न्यायालय में जमा करे. औद्योगिक न्यायालय में एडवोकेट प्रशांत खज़ांची और उनके सहयोगी एडवोकेट मोहन निब्रड ने कामगारों का पक्ष रखा. 

    मेडिकल कॉलेज ने औद्योगिक न्यायालय के आदेश के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में अपील की. हाईकोर्ट में 22 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चंद्रपुर मेडिकल कॉलेज को सभी कर्मचारियों के वेतन का बकाया दो हफ्ते के अंदर कोर्ट में जमा करने के निर्देश दिए. मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को तय की गई है.  परंतु अगले दो सप्ताह में कामगारों को उनका बकाया वेतन का भुगतान करना अब निश्चित हो गया है. 

    सजा होने तक लड़ेंगे

    यह मामला न्यायप्रविष्ट है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज ने चंद्रपुर औद्योगिक न्यायालय द्वारा दर्शना झाडे व तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ पारित आदेश का पालन नहीं किया. इसलिए चंद्रपुर के श्रम न्यायालय में अधिष्ठाता डॉ. अशोक नितनवारे के खिलाफ अदालत की अवमानना ​की शिकायत दर्ज की है. अन्य कामगारों के मामले में हाईकोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर सभी कामगारों के वेतन का बकाया भुगतान न्यायालय को करने का ऐतिहासिक फैसला दिया. यह आंदोलन की एक बड़ी उपलब्धि है. लेकिन हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सभी कामगारों का बकाया भुगतान नहीं हो जाता. कामगारों की पूर्ववत पद पर नही लिया जाता व दोषी अधिकारियों को सजा नहीं मिल जाती तबतक संघर्ष चलता रहेगा.

    पप्पू देशमुख, अध्यक्ष, जनविकास सेना, चंद्रपुर