fake-doctors should not be treated with treatment - CEO

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    • मरीजों की जान से खिलवाड, लूट मचा रहे झोलाछाप डाक्टर

    चंद्रपुर, ब्यूरो. जिले के अंतिम छोर पर बसे चिमूर तहसील के आंबोली, भिसी, मांगलगांव और आस पास के छोटे गांव में अनेक झोलाछाप डाक्टर अपना गोरखधंधा चला रहे है. इनके पास अधिकृत कोई डाक्टरी डिग्री नहीं है. यह लोग दूसरे के नाम और डिग्री का बोर्ड लगाकर मरीजों की जान से खिलवाड कर रहे है. किंतु इस ओर आज तक ध्यान नहीं दिया गया है. जिससे यह भोले भाले ग्रामीणों को लूट रहे है.

    किसी डाक्टर के पास कुछ दिनों तक कंपाउंडर का काम करने के बाद यह लोग वहां से काम छोड अपने अस्पताल खोल लेते है. जबकि इनके पास उपचार करने की कोई डिग्री नहीं होती है और नाही हास्पिटल खोलने की अनुमति. इस प्रकार के अस्पताल में नाम किसी अन्य डाक्टर का होता है उसकी डिग्री लिखी होती है.

    किंतु वहां उपचार करने वाला डाक्टर वह न होकर झोलाछाप होता है. जिस डाक्टर के नाम का बोर्ड लगा होता है उस डाक्टर को यहां उपचार का हिस्सा नियमित मिलता है. किंतु यह हिस्सा लेने वाला डिग्री धारक डाक्टर कभी उस अस्पताल में नहीं जाता है. यह तो किसी दूसरे बडे शहर में अपना अस्पताल चला रहे होते है. 

    कोरोना काल में इस प्रकार उपचार कर झोलाछाप डाक्टरों ने जमकर कमाई की है. रोगियों के जान से खिलवाड और उनकी लूट मचाने वाले इस प्रकार के झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की मांग की जा रही है.

    डीएचओ ने की शिकायत की अपील

    जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजकुमार गहलोत ने कहा कि जिले के किसी भी परिसर में इस प्रकार झोलाछाप डाक्टरों द्वारा उपचार किए जाने की जानकारी मिलते ही तहसील अथवा जिला स्वास्थ्य विभाग को तत्काल जानकारी दे. इस प्रकार के झोलाछाप डाक्टरों से उपचार न कराये. तहसील स्तर पर झोलाछाप डाक्टरों की जांच करने वाली कमेटी कार्यरत है. सूचना मिलते ही उनके माध्यम से इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.