चंद्रपुर. जिले में धान फसल का पारंपरिक उत्पादन बड़े पैमाने पर लिया जाता है, लेकिन बढ़ते उत्पादन खर्च से धान उत्पादक कई किसानों ने कपास, सोयाबीन जैसी नकद फसल की ओर रुख किया है. लेकिन वन्य प्राणियों की बढ़ती समस्या, खाद के बढ़ते भाव इस पर कोई भी उपाय योजना नहीं होने से किसान परेशान है.
किसानों का आर्थिक बजट बिगड़ गया है. खेतों में बढ़ती जंगली सुअरों के हमलों ने किसानों को परेशान कर दिया है. जिससे किसानों में भय का वातावरण निर्मित हो गया है. किसानों को खेत परिसर में दहशत की छाया में जाना पड़ता है.
धान, सब्जी-भाजी पर जंगली सुअर का आतंक
जिले में धान, सब्जी भाजी जैसी फसलों से वन्य प्राणियों की खेती में हलचल रहती है. परिणामस्वरूप हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय के झुंड ने हरा चारा व पानी के लिए सुरक्षित जगह होने से इन फसलों की ओर अपना मोर्चा घूमा दिया है. इसी तरह रात के समय भालू, खरगोश के साथ ही तेंदुआ, लोमड़ी आदि घूमते दिखाई देते हैं. जिससे जिले में अनेक स्थानों पर किसानों व खेत मजदूरों पर वन्य प्राणियों के हमले होने की घटनाएं बढ़ी हैं. वन्य प्राणियों के बढ़ते अधिवास से किसानों पर अधिक खतरा है.