India may suffer loss on foreign trade front due to prolonged sluggishness-SBI report
File Pic

    Loading

    चंद्रपुर. भारतीय स्टेट बैंक में उजागर हुए करोड़ों के आर्थिक घोटाले, धोखाधड़ी तथा फर्जीवाड़े के मामले में न्यायालय ने एक और आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पी श्रीखंडे ने हाल ही में आर्डर जारी करते हुए इस मामले के एक आरोपी गणेश झाड़े की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी है. इस आदेश के बाद एसबीआई के इस घोटाले के मामले में न्यायालय द्वारा अब तक 3 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं नामंजूर कर दी गयी है, जिनमें आरोपी झाड़े समेत बैंक के वरिष्ठ अधिकारी नरेंद्र जावलेकर तथा सेवानिवृत्त अधिकारी रमनबाबू व्यंकटी देगरमुडी शामिल है.

    जबसे यह मामला उजागर हुआ है, तबसे एसबीआई के जिले में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी तथा कर्जदारों में भारी खलबली मची हुई है, और गिरफ्तारी से बचने हेतु आरोपियों द्वारा न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल करने का सिलसिला निरंतर जारी है.

    न्यायालय में हाल ही में कुछ और आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए याचिकाएं दाखिल की है, जिनमें उज्ज्वल शेलके, गिरीश चांदोरकर, जयेश गोयानी, धर्मेंद्र गायकवाड़, सुप्रिमकुमार ठाकुर, अनिल बत्तनवार, सचिन नंदगीमवार तथा पवन वरियानी का समावेश है.

    उक्त आरोपियों में से अधिकांश की याचिकाओं पर अब 15 मार्च को सुनवाई तय की गई है. न्यायालय द्वारा अब तक जिनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं ठुकराई गयी है, उनमें से किसी को भी पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. उनकी अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है.

    इस बीच मामले में पुनः किसी आरोपी द्वारा कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर नहीं की जा सके, अथवा जिन्होंने अब तक अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की है, उन्हें जमानत ना मिल सके इसके लिए रामनगर पुलिस स्टेशन की आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुवार को न्यायालय में एक कैवेट दाखिल किया है.