चंद्रपुर. भारतीय स्टेट बैंक में करोड़ों के घोटाले का मामला जबसे उजागर हुआ है, तथा पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है, तबसे अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में स्थानीय सत्र न्यायालय में अब तक कुल 27 लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है, जिनमें बैंक अधिकारी, कर्जदार तथा उनके ग्यारेंटर्स का समावेश है.
न्यायालय ने एसबीआई में कर्ज सलाहकार के रूप में मानद सेवा दे रहे सेवानिवृत्त अधिकारी रमनबाबू व्यंकटा देगरमुडी तथा एसबीआई में मुंबई में कार्यरत अधिकारी नरेंद्र जावलेकर की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर की है, उक्त अधिकारियों ने पुनः याचिका प्रस्तुत की है, जिस पर आगामी दो दिनों में सुनवाई की संभावना है.
इस मामले में न्यायालय ने संध्या गायकवाड़ नामक एक महिला कर्जदार को अग्रिम जमानत दी है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पी श्रीखंडे ने यह जमानत मंजूर की. सूत्रों के अनुसार एसबीआई में एक सेवानिवृत्त अधिकारी मानदेय तत्व पर कर्ज सलाहकार के रूप में अपनी सेवा दे रहा है. इसके खाते में कमीशन के ऐवज में ही एक वर्ष में करीब 32 लाख रुपये जमा हुए है. पुलिस इसकी तफ्तीश कर रही है.
एसबीआई में उजागर हुए इस घोटाले तथा पुलिस द्वारा शुरू की गयी कार्रवाई से एसबीआई के तमाम अधिकारी कर्मियों में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है. बैंक के सभीं शाखाओं में कार्यरत अधिकारी कर्मियों की शनिवार शाम को एक बैठक हुई, जिसमें इसी मसले पर चर्चा हुई. आगे क्या हो सकता है, क्या किया जा सकता है, इस विषयपर यह बैठक चल रही थी. बैठक में कुछ लोगों ने जाहिर तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, चंद अधिकारियों की अनियमितता से समूचे एसबीआई की और इसमें कार्यरत अधिकारी कर्मियों की बेवजह बदनामी हो रही है, लोग उनकी तरफ संदेह भरी निगाहों से देख रहे है. यह बैठक देर रात तक जारी थी.