सेंकड हैंड वाहन विक्रेताओं ने किया फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण, मूकदर्शक बना संबंधित विभाग

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    चंद्रपुर. चंद्रपुर शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए चंद्रपुर महानगर पालिका लगातार प्रयास करती है. किंतु देखा गया है कि शहर के व्यस्त और भीडभाड वाले अनेक परिसर में पुराने वाहनों के विक्रेताओं ने फुटपाथ के साथ सडक पर भी अतिक्रमण कर लिया है. इसकी वजह से वाहन चालकों को असुविधा के साथ ही दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

     तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अब्दुल रहमान, जिलाधीश संजीव जायस्वाल और जिप के सीईओ डी.जी. फिलीप ने स्वयं सडकों के किनारे बैठकर सडकों के किनारे का अतिक्रमण हटाने का कार्य किया था. जिससे सडकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोक जा सके. उस समय पर पुलिस और तोडू दस्ते को शहर वासियों के विरोध का सामना करना पडा था. इसके बावजूद मुहिम चलायी गई और शहर के मार्गो को चौडा किया गया.

    नगर पालिका से चंद्रपुर को महानगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद ही शहर की सडकों को चौडाईकरण का काम शुरु किया गया है. इस दौरान अनेक परिसर में अतिकमण हटाओ मुहिम चलायी गई. चंद्रपुर नागपुर महामार्ग को चौडाईकरण के साथ इस पर बढते ट्राफिक को देखते हुए फोरलेन में तब्दील किया गया. फोरलेन के दो लेन वाहनों के लिए और एक लेन दोपहिया, साइकिल के बनाई गई. इसके किनारे में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाया गया.

    किंतु इन दिनों शहर के नागपुर रोड, रेलवे स्टेशन, रेस्ट हाउस के सामने पर पुराने वाहन बेचने वालों ने फुटपाथ पर तो अपने दोपहिया वाहन लगा लिए इसके बाद चौपहिया वाहनों को सडक पर खडा कर दिया है. जिससे दोपहिया, साइकिल वाली लेन के साथ सडक का हिस्सा आ गया है. इसकी वजह से दुर्घटना की संभावना बढी है. किंतु इस ओर किसी ने आज तक ध्यान नही दिया है. इसकी वजह से इनकी संख्या बढती जा रही है.

    त्योहारों में परेशानी

    गणेशोत्सव के दौरान कोरोना नियमों का पालन करते हुए शहर में शांति से गणेशोत्सव निबट गया है. आगामी समय पर आने वाले दुर्गोत्सव और अन्य त्योहारों के समय पर इस प्रकार सडक किनारे किए अतिक्रमण की वजह से दुर्घटना की अशंका बना रहती है. चंद्रपुर नागपुर महामार्ग पर शहर में प्रवेश करने वाली बसों के स्टाप के पास ही इस प्रकार दोपहिया वाहन विक्रेता ने अपनी दुकान जा रखी है.

    इसके अलावा अति व्यस्त रेलवे स्टेशन समीप जिलाधीश कार्यालय के सामने, नागपुर मार्ग पर गजानन मंदिर के पास भी इसी प्रकार सडक पर अतिक्रमण किया गया है. इसकी वजह से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. इसके बावजूद संबंधित विभाग इस ओर ध्यान देने की बजाय मूकदर्शक बना है.