ताडोबा की शान कहे जाने वाले बाघडोड बाघ की मौत

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    • बुढ़ा होने से नैसर्गिक मौत का अनुमान

    चंद्रपुर. बाघों के लिए नंदनवन कहे जाने वाले ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प की शान जिसे देखने के लिए विश्व भर के पर्यटक खींचे चले आते थे. सबसे बडा बाघडोह बाघ (बिग डैडी)का शव आज सिनाला गांव के पास पेट्रोलिंग टीम को दिखाई दिया. सूचना मिलने पर ताडोबा और वन्यजीव प्रेमियों की टीम पहुंच गई. मौके पर पंचनामा कर उसे टीटीई लाया गया. जहां तीन पशु चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम कर 2 दिन पूर्व बाघ की कमजोरी की वजह से मौत होने का अनुमान व्यक्त किया है.

    लगभग 17 से 18 वर्ष आयु वाले इस बाघ ने दो दिन पूर्व सिनाला के एक बुजुर्ग की मौत के लिए इस बाघ को ही जिम्मेदार ठहराया गया है. वर्ष 2015 के पूर्व तक यह बाघ ताडोबा के कोर जोन में था और ताडोबा में इसके सर्वाधिक 34 बच्चे होने की वजह से इसे बिग डैडी का नाम दिया गया था. 2015 के बाद यंग टाइगरों ने इसके कोर जोन के क्षेत्र पर कब्जा कर इसे खदेड दिया. जिसके बाद इस बाघ को बफर जोन के देवाडा, मासाला, जुनोना बफर में 5 वर्ष तक देखा गया. 

    7 मई से वनविभाग रखे थी नजर

    7 मई को बाघडोड दुर्गापुर माइन के पास देखा गया था. कैमरे में उसकी हलचत कैद हुई थी जिसमें वह काफी कमजोर प्रतीत हो रहा और उसके हरकतों में किसी प्रकार की फूर्ती नहीं थी. इसकी वजह से जहां पडा है वहां पडा रहता है. 21 मई को जिस चरवाहे को मारा संभावना व्यक्त की जा रही है वह काफी करीब पहुंच गया होगा. इसलिए बाघ ने उसे मार दिया होगा.

    आज मासाला के पास पेट्रोलिंग टीम को बाघडोड का शव दिखाई देने पर इसकी सूचना वरिष्ठों को दी. सूचना मिलते ही सीसीएफ प्रकाश लोणकर, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के सीसीएफ जितेंद्र रामगांवर, डीसीएफ नंदकिशोर काले, प्रभारी डीएफओ श्वेता बोदू, एसीएफ निकिता चौरे,राजेंद्र भरोडे, वन्यजीव प्रेमी बंडू धोत्रे, मुकेश भांदककर, डाक्टरों की टीम घटना स्थल पर पहुंची और वहां पर पंचनामा कर बाघ को ट्रांजिस्ट ट्रीटमेंट सेंटर लाया गया.

    टीटीसी में पशु चिकित्सक डा. रविकांत खोब्रागडे, डा. प्रवीर दामले, कुंदन पोरचलवार की टीम ने पोस्टमार्टम किया. पीएम करने वाली टीम के अनुसार बाघडोह की मौत दो दिन पूर्व हुई थी. इसकी जवह से उसका अंग सड चुका था. भीतरी अंग पूरी तरह से गल चुके थे. इसकी वजह से उसके मौत होने का प्राथमिक अनुमान है. पोस्टमार्टम के बाद बाघ को जला दिया गया.

    जनवरी से 4 बाघों की मौत

    आज बाघडोह बाघ की मौत के साथ ही जनवरी से अब तक जिले में 4 बाघों की मौत हो चुकी है. इसके पूर्व 3 जनवरी को भद्रावती वनपरिक्षेत्र में, 28 फरवरी को ब्रम्हपुरी और 30 मार्च को ताडोबा के रानतलोधी बफर जोन में एक बाघ की मौत हो चुकी है. इस प्रकार जनवरी से अब तक कुल 4 बाघों की मौत हुई है.