vijay Wadettivar

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चंद्रपुर. महा विकास आघाड़ी सरकार के दौरान बजटीय और अनुपूरक मांग के अनुसार नई सड़कों और सड़कों की मरम्मत के साथ-साथ जल संरक्षण विभाग के तहत सिंचाई क्षमता बढ़ाने का उद्देश्य था, जबकि प्रशासनिक मंजूरी के साथ निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही थी. सरकार बदलते ही सत्ताधारीयों ने टेंडर प्रक्रिया को स्थगिति दी. स्वीकृत विकास कार्यों को स्थगित करना वर्तमान सरकार की बदले की राजनीति है. जिससे आम जनता और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. यह बात महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के लिए अनुकूल नहीं है और विलंबित विकास कार्यों को तुरंत मंजूरी दी जानी चाहिए. ऐसा आक्रामक रुख अपनाते हुए प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री, कांग्रेस नेता विधायक विजय वडेट्टीवार ने चल रहे मानसून सत्र में सवाल उठाकर सदन का ध्यान खींचा.

जनवरी 2021 से जुलाई 2022 तक महाविकास आघाड़ी सरकार की अवधि के दौरान, बजटीय और अनुपूरक मांगों के अनुसार नई सड़कों और सड़क मरम्मत के लिए धन आवंटित किया गया था. वहीं स्वीकृत विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया निकाली गई. इस बीच, जैसे ही महाविकास आघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हुई, गठबंधन सरकार ने 26 जुलाई 2022 को एक सरकारी निर्णय देकर सभी स्वीकृत विकास कार्यों को स्थगित कर दिया.

इन विकास कार्यों में कोल्हापुरी बांध, तालाब मरम्मत, सीमेंट बांध और अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए ब्रम्हपुरी निर्वाचन क्षेत्र के जल संरक्षण विभाग को कुल 32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए.  इससे जहां किसानों को सिंचाई क्षमता बढ़ाने में काफी फायदा होगा, वहीं समय पर काम रुक जाने के कारण काम पूरा नहीं हो सका. साथ ही 1 अप्रैल 2021 को शहरी क्षेत्र के लिए 18 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई और 10 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की निविदा जारी की गई.

हालांकि, शासकों ने बदले की भावना से इन विकास कार्यों को भी रोक दिया. अंततः हमें जनहित के इन कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के लिए न्यायालय की नागपुर पीठ में अपील करनी पड़ी. कोर्ट ने पक्ष को समझा और हमारे पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन राज्य की सत्ताधारी सरकार कोर्ट के आदेश का अपमान करने का आरोप विजय वडेट्टीवार ने किया है.

जनहित के इन विकास कार्यों को रोकना गलत कदम है और इनमें से 60 से 65 प्रतिशत विकास कार्यों पर लगी रोक हटा दी गई है और इसके पीछे काफी गोपनीयता बरतने की जानकारी वडेट्टीवार ने दी. सत्ताधारी दल सरकार में स्थायी रहेगा और सत्ता के पक्ष में आम जनता को फंसाने का जो काम वर्तमान में सरकार द्वारा किया जा रहा है. सरकार विकास कार्यों को रोक रही है. तथा खेती व्यवसाय के सिचाई क्षमता का रोकने हेतु मंजूर निधि को स्थगिति देना अर्थात किसाना ने जीए या मरे…? यह सरकार की यह अन्यायपूर्ण नीति है.

बजटीय और अनुपूरक मांगों में स्वीकृत विकास कार्यों को रोकना एक ऐसा कार्य है जो महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के अनुरूप नहीं है और यह अफसोसजनक है. राज्य के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होने की जानकारी वडेट्टीवार ने दी है. वडेट्टीवार ने अविलंब मांग करते हुए कहा कि सरकार जनहित में संवेदनशील होकर जिन विकास कार्यों पर रोक लगायी गयी है, उन पर लगी रोक हटाये और उन विकास कार्यों को तुरंत मंजूरी दे. विजय वडेट्टीवार ने चल रहे मानसून सत्र में अपने आक्रामक अंदाज से प्रस्तुति देकर सदन का ध्यान खींचा.